भारतीय जनता पार्टी की संगठन क्षमता और ताकत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर काफी निर्भर करती है। यही वजह है कि भाजपा के शासनकाल में आरएसएस को लेकर काफी लचीला रुख अपनाया जाता है। अब कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में इस बात को चुनावी मुद्दा बना दिया है। दरअसल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जारी किए गए अपने घोषणापत्र में कहा है कि यदि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो आरएसएस की शाखाओं को सरकारी बिल्डिंगों में आयोजित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही सरकार के पूर्व आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को शाखा में जाने की छूट दी गई है, वह भी वापस ले लिया जाएगा।

बता दें कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में शनिवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस के इस घोषणा पत्र पर नजर डालने से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी जहां एक तरफ सरकारी बिल्डिंग्स में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाने की बात कर रही है, वहीं वह खुद की सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि गढ़ने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने घोषणा पत्र में कई ऐसे वादे किए हैं, जो चुनावों में उसे फायदा पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस के इन वादों में भगवान राम से जुड़े राम पथ का विकास, नर्मदा नदी की रक्षा और गोमूत्र, गौशाला आदि का जिक्र किया गया है।

बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राज्य में एक अध्यात्मिक विभाग बनाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस संस्कृत भाषा का भी प्रचार करेगी। कांग्रेस ने हर ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण कराने और बीमार गायों के इलाज का वादा किया है। किसानों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने उनके बिजली बिल पर 50 प्रतिशत की छूट, पेट्रोल डीजल के दामों में कमी करने का भी वादा किया है। कांग्रेस ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को 3 साल तक 10,000 रुपए देने का वादा भी किया है। पार्टी ने राज्य में 2.50 लाख मकानों का निर्माण का वादा भी किया है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर अपनी की घोषणाएं पूरी नहीं करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को ‘वचन पत्र’ का नाम दिया है।