Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के शहोडल के जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पारा चढ़ गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो पैसे मांगे उसकी सेवा समाप्त करो, ऐसे अधिकारियों को शासकीय सेवा में रहने का कोई हक नहीं है। मुख्यमंत्री शहडोल जिले की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जिले में सड़कों और जल जीवन मिशन में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई।
उन्होंने शहडोल के प्रभारी मंत्री को भी निर्देश दिया कि जिले के गांवों में जाकर हालातों का जायजा लें और अधिकारियों से बात करके स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने यह भी कहा कि जनता से फीडबैक लीजिए कि कैसा काम हो रहा है। हालांकि, इस दौरान शिवराज ने उन अधिकारियों की तारीफ भी की जो जिले में अच्छा काम कर रहे हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री ने आज पथ विक्रेता और ठेला चालकों से बात की। इसके लिए उनके आवास पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों को मिलना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर शिविर लगाएं। उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि गरीबों को मुफ्त राशन मिले।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए शिविर लगाए जाएं, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन, पीएम आवास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य योजनाओं का गरीबों को लाभ मिले, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।
शिवराज ने कहा कि अगर राज्य की गरीब जनता का जीवन सुधर गया तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रोटी, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, ये इंसान को जीने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश मेरा मंदिर है और उसमें रहने वाली जनता मेरी भगवान है। मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहन है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल से ऐसे कार्यक्रम की राज्य सरकार ने शुरुआत की है और सरकार की कोशिश रहेगी कि प्रदेश के पथ विक्रेताओं को योजना का लाभ दें, ताकि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आए।