किसी भी चुनाव में नारों और बयानों की अपनी अलग भूमिका होती है। कई बार एक बयान चुनाव के नतीजों को बदल देता है। मौजूद विधानसभा चुनाव में भी बयानबाजियों का सिलसिला लगातार जारी है। खासतौर से मध्य प्रदेश में जुबानी जंग पूरे शबाब पर है। मौजूदा चुनाव पर भी कई बयान असर डाल सकते हैं। इनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों को नुकसान हो सकता है।

शिवराज बोले- कोई माई का लाल…
13 साल से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने तीसरे कार्यकाल में कुछ बयानों के चलते खासे चर्चा में रहे। खासतौर से जातिगत मुद्दों पर आए उनके बयानों ने उन्हें दोधारी तलवार पर खड़ा कर दिया। बीते कुछ सालों में सवर्णों ने आरक्षण का जमकर विरोध किया है। इसी संदर्भ में शिवराज सिंह ने कहा था, ‘हमारे होते हुए कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। प्रमोशन में आरक्षण की भी सरकार शुरू से पक्षधर रही है। जब तक सांसें हैं आरक्षण जारी रहेगा।’ इस बयान के बाद पहले से गुस्साए सवर्णों ने हल्ला बोल दिया। अब तक व्यापक स्तर पर भाजपा के पक्ष में नजर आने वाले युवाओं पर भी इस बयान का असर देखा जा रहा है। इस चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि आरक्षण पर दिए बयान से हुए डैमेज को कंट्रोल करने के लिए शिवराज ने एससी-एसटी अधिनियम पर फिर बयान दिया था। इस बार एससी-एसटी ने उनका विरोध कर दिया।

कांग्रेस के घोषणा पत्र में संघ पर ऐलान
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में सरकारी इमारतों और परिसरों में संघ की शाखाओं और उनमें सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इसके बाद भाजपा ने संघ और भगवान राम के खिलाफ बताया। कांग्रेस के इस कदम का खासा विरोध हो रहा है। राज्य में कई जगहों पर लोगों ने बाकायदा पोस्टर लगाकर विरोध जाहिर किया है।

कमल नाथ का मुस्लिम मतदाताओं पर बयान
धीरे-धीरे सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ रही कांग्रेस के लिए यह बयान झटका देने वाला साबित हो सकता है। हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार कमल नाथ का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि तो नहीं हो पाई। लेकिन वीडियो में वो यह कहते नजर आ रहे हैं, ‘मुस्लिम अगर मुस्लिम बूथों पर 90 फीसदी तक वोटिंग नहीं होती है तो हमें बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।’ इस बयान को भाजपा ने सांप्रदायिक करार देते हुए जमकर निशाने पर लिया है। इसका उल्टा असर हिंदुओं पर भी पड़ सकता है।