मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के बाद इस संस्थान का नया नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) होने के बावजूद विवाद इस संस्थान को छोड़ नहीं रहे हैं। वनरक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम में चूक के चलते यह लोगों के निशाने पर आ गया है। हालांकि परिणामों की चूक को एक दिन बाद ही दुरुस्त करने के साथ जिम्मेदार कम्प्यूटर आॅपरेटर को निलंबित कर दिया गया है।

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के चेयरमैन अरुणा शर्मा ने बताया, ‘वन रक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम में गलती करने वाले कम्प्यूटर आॅपरेटर को निलंबित कर संशोधित सूची जारी कर दी गई है।’ पीईबी के एक अधिकारी ने बताया कि 16 अगस्त 2015 को वन रक्षक के कुल 2148 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें रिक्त पदों के तीन गुना अभ्यर्थियों का चयन द्वितीय चरण के लिए होना था।

लेकिन कम्प्यूटर आॅपरेटन ने गलती से परीक्षा में शामिल हुए कुल 5.5 लाख अभ्यर्थियों में से 5,19,966 अभ्यर्थियों की सूची को सफल अभ्यर्थियों की सूची के तौर पर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया, जबकि मेरिट के आधार पर केवल 5,005 अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण के लिए चयनित घोषित करना था। इससे विवाद पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम में गलती करने वाले आॅपरेटर को निलंबित कर तुरंत ही संशोधित सूची जारी कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिणाम व प्रावीण्य सूची यथावत है। केवल द्वितीय चरण के लिए पात्र अभ्यर्थियों की संख्या में नियमानुसार परिवर्तन हुआ है।

इधर, मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीईबी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पीईबी के बोर्ड पर कालिख पोत दी। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सिर्फ नाम बदलने (पीईबी रखने) से कालिख नहीं मिटेगी। हम यह मांग करते हैं कि व्यापमं अपनी पूरी कार्यप्रणाली बदले जिससे लाखों युवाओं का भविष्य बर्बादी से बचे।’ व्यापमं की वन रक्षक भर्ती परीक्षा में फिर से फर्जीवाड़ा हुआ है, जिससे प्रदेश के लगभग पांच लाख युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापमं में हर रोज नई-नई गड़बड़ियां सामने आती हैं।

उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस यह चेतावनी देती है कि अगर व्यापमं की कार्यप्रणाली नहीं बदली और धांधली नहीं रुकी तो युवा कांग्रेस पूरे प्रदेश में एक फिर आंदोलन करने के लिए विवश होगी, क्योंकि व्यापमं सिर्फ एक घोटाला ही नहीं बल्कि लाखों योग्यताओं का दमनकर्ता है।