दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से अधिक कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है। स्थायी प्रिंसिपल के बिना चले रहे प्रतिष्ठित कॉलेजों में हिंदू कॉलेज, श्री राम कॉलेज आॅफ कॉमर्स, किरोड़ीमल कॉलेज और कमला नेहरू कॉलेज शामिल हैं। ये कॉलेज या तो एक कार्यवाहक प्रिंसिपल या तो एक आॅफिसर आॅन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) की देखरेख में चल रहे हैं।
हिंदू कॉलेज में प्रिंसिपल का पद पिछले कुछ वर्षों से रिक्त पड़ा है और वर्तमान में यह एक कार्यवाहक प्रिंसिपल की देखरेख में चल रहा है। कॉलेज की वेबसाइट से पता चलता है कि इसे वर्ष 2008 तक प्रिंसिपल द्वारा चलाया जा रहा था। बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चलने वाले अन्य कॉलेजों में राजधानी कॉलेज, गार्गी कॉलेज, इंस्टीट्यूट आॅफ होम इकोनोमिक्स, देशबन्धु कॉलेज, भारती कॉलेज, अरबिंदो कॉलेज, भारती कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज शामिल है।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के एक सदस्य ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय में बहुत सारे पद खाली पड़े हैं नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी तरह से रच्च्क गई है। हमने इस मुद्दे को कई बार उठाया, कुछ कॉलेजों में वर्षों से पर्याप्त प्राध्यापक और स्थायी प्रिंसिपल नहीं हैं। शिक्षकों के करीब 4000 पद खाली पड़े हैं।’’