कोरोना संक्रमण की रफ्तार बिहार में कम होने का नाम नहीं ले रही। बल्कि और तेज हुई है। भागलपुर बिहार में दूसरे स्थान पर है। पटना अव्वल है। इसको देखते हुए भागलपुर के ज़िलाधीश ने गुरुवार 9 जुलाई से चार दिनों यानी 13 जुलाई सुबह तक लाकडाउन का ऐलान किया है। इस दौरान जरूरी सेवाएं किराना, सब्जी-फल, दवा , बैंक, एटीएम, सरकारी दफ्तर बगैरह खुली रहेगी। मास्क न लगाने वालों को जुर्माना लगाने मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की टीमों का गठन किया है।

बीते एक हफ्ते में ढाई हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज बिहार में सामने आए है। स्वास्थ्य महकमा के मुताबिक मंगलवार 7 जुलाई तक कुल संक्रमित मरीज 12525 है। जबकि 30 जून यह आंकड़ा 9988 था। सात दिनों में 1794 मरीज स्वस्थ भी हुए है। मसलन ठीक होने वाले मरीजों का औसत 74.55 फीसदी आंका गया है। वहीं सात रोज में 37 मौतें हुई है। कुल मौतें एक सौ बताई जा रही है।

मसलन 22 मार्च से 24 मई तक 64 दिनों में 9 मौतें हुई थी। इसके बाद 30 जून तक 36 रोज में 54 मौतें हुई। और अब एक से 7 जुलाई तक सिर्फ सात दोनों में 37 मौतें सूबे में हो चुकी है। इसी तरह संक्रमित मरीजों में इजाफा हुआ। 22 मार्च से 10 मई 50 दिनों में 707 मरीज थे। 11 मई से 30 जून तक 51 दिनों में 9038 नए रोगी सामने आए। और बीते सात दिनों में 2537 जनों की रिपोर्ट सकारात्मक आई है। यानी कुल संक्रमित 12525 हुए। हालांकि यह आंकड़ा मंगलवार शाम चार बजे तक का ही है। जिसे स्वास्थ्य महकमा ने जारी किया है।

जारी आंकड़ों में पटना 1114, भागलपुर 642, मधुबनी 536,बेगूसराय 528, मुजफ्फरपुर 511 और सिवान 509 मरीज है।बाकी ज़िलों में भी मरीज है। बिहार के 38 ज़िलों में कोई संक्रमण से अछूता नहीं है। इनमें काफी ठीक भी हुए है। मगर सूत्रों की माने तो पटना और भागलपुर में मरीजों की संख्या कहीं ज्यादा है। अब गांवों के साथ-साथ महामारी शहरों में भी तेजी से फैल रही है। पटना में राजनीतिज्ञों को तो भागलपुर में पूर्व कुलपति, कुलसचिव, डाक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, बैंक अधिकारी, पुलिस अधिकारी , मीडिया कर्मी, इंजीनियर बगैरह को संक्रमण अपनी चपेट में ले रहा है। एक हफ्ते में 153 नए मामले केवल भागलपुर में सामने आए है।

इसी से प्रशासन और भागलपुर के व्यापारी दहशत में आ गए। व्यापारीवर्ग घबराकर शाम पांच बजे तक ही दुकानें खोल रहे है। तो जिला प्रशासन ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर चार दिनों के लिए लाकडाउन सख्ती से लागू कराने का फैसला किया है।

असल में अधिकतर लोग न मास्क लगा रहे। न सुरक्षित देह दूरी का पालन कर रहे। और तो और खैनी-गुटका खाकर जहां-तहां थूक रहे है। नियमों की धज्जियां उड़ रही है। पुलिस दुपहिए वाहन चालकों की हेलमेट चेंकिंग कर जुर्माना तो वसूलती है। मगर तीन सवारी वाले दुपहिए वाहन चालकों और ऑटो व ई-रिक्शा जिनपर सवारियां ठूंसकर भरी है , उन्हें पुलिस रोकती-टोकती तक नहीं है।

ऐसे में कोरोना से जंग कैसे जीतेगा इंडिया? व्यापारी अतुल ढांढ़निया, अशोक जीवराजका, सुशील शर्मा सरीखे चाहते है कि पुलिस की टुकड़ियां बाजार में थोड़े फासले पर तैनात की जाए। और मास्क व सुरक्षित दूरी का पालन न करने वालों और जहां-तहां थूकने वालों से सख्ती से पेश आएं। जुर्माना लगाए। इससे संक्रमण श्रृंखला तोड़ने में एक हद तक कामयाबी मिल सकती है।