Morbi Bridge Collapse : मोरबी नगर पालिका की अध्यक्ष कुसुम परमार और मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला ने मोरबी नगर पालिका में हाल ही में ढहे पुल घटना को लेकर खुद को दोषमुक्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि ओरेवा समूह की प्रमुख कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (AMPL) पुल की सुरक्षा, पुल का संचालन और रखरखाव के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। उनका यह भी तर्क है कि चूंकि निजी फर्म ने उद्घाटन के बारे में नागरिक निकाय को सूचित नहीं किया था इसलिए वह सुरक्षा ऑडिट नहीं करवा सके थे।
नगरपालिका क्यों ना हो जवाबदेह ?
कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि वह नगरपालिका जिसकी सभी 52 सीटें भाजपा ने 2021 में जीती थीं के पास कोई जवाब नहीं है। शुक्रवार को सीओ जाला को इस मामले के बाद निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक, किराए पर लिए गए दो ठेकेदार, दो टिकट बुकिंग क्लर्क और पुल पर तैनात तीन सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
“कांग्रेस की मोरबी नगर इकाई के अध्यक्ष राजू कावर कहते हैं “नगर पालिका अध्यक्ष और सीओ कैसे कह सकते हैं कि उन्हें जयसुख पटेल (ओरेवा के प्रबंध निदेशक) के बारे में पता नहीं था कि उन्होने प्रेस कांफ्रेस कर आम लोगों को पुल पर घूमने आ सकने की बात कही थी। अगर वह इस बारे में नहीं जानते थे तो उन्हे इन पदों पर बैठने का कोई अधिकार नहीं रह रह जाता है”
चार दशकों से नगरपालिका पर भाजपा का कब्जा
मोरबी में भाजपा का लगभग चार दशकों से जबरदस्त दबदबा रहा है। पार्टी ने यहां 1986 से लगातार नगरपालिका पर शासन किया है। 2021 के बाद से नगरपालिका में सभी 52 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद नगर निकाय में कोई विपक्ष नहीं बचा है। इस पूरे समय में कांग्रेस केवल ढाई साल के लिए मोरबी नगरपालिका पर कब्जा रख पाई है।
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हमारे हाथ राज्य सरकार द्वारा बंधे हुए हैं
नगर पालिका की अध्यक्ष परमार कहती हैं कि उनके हाथ बड़े पैमाने पर भाजपा की राज्य सरकार द्वारा बंधे हुए हैं। उनका कहना है
“नगर पालिका के सड़क और भवन विभाग में एक दशक से अधिक समय से कोई नियमित इंजीनियर नहीं है। नई भर्तियों के लिए हमारे अनुरोध राज्य सरकार के पास लंबित हैं। मोरबी शहर को नगर निगम के रूप में अधिसूचित करने की हमारी याचिका भी राज्य सरकार के पास लंबित है। ऐसी स्थिति में हमारे पास इस तरह के ढांचे (जैसे गिरे हुए सस्पेंशन ब्रिज) को बनाए रखने की क्षमता नहीं है।
शहर में मनोरंजन के लिए कोई स्थान नहीं
शहर के एक होटल व्यवसायी तुलसी भानुशाली (65) कहते हैं
“मोरबी शहर में न तो कोई आम गार्डन है और न ही मनोरंजन के लिए कोई अन्य जगह है। मोरबी के निवासियों के लिए झूल्टो पुल और मणि मंदिर ही ऐसे स्थान हैं जहां वह घूमने जा सकें। भूकंप के बाद दोनों क्षतिग्रस्त हो गए थे नगर निकाय को उन्हें लेकर कुछ करना चाहिए था।
भाजपा के विकास की हवा निकाल गयी
कांग्रेस का कहना है कि मोरबी पुल ढहने से भाजपा के विकास के दावों की हवा निकल गई है और वह लोगों को धोखा देकर सत्ता में बने रहने में कामयाब रही है। कांग्रेस की मोरबी जिला इकाई के महासचिव महेश राज्यगुरु कहते हैं “मोरबी की राजनीति जाति के इर्द-गिर्द घूमती है और पाटीदार इस पर हावी हैं क्योंकि वे संगठित मतदाताओं का सबसे बड़ा समूह हैं और उनके पास नेतृत्व और पैसा है। नगर पालिका के 52 पार्षदों में से कम से कम 16 पाटीदार हैं।
पुल का ढहना एक चुनावी मुद्दा होगा ?
क्या आने वाले विधानसभा चुनाव में पुल ढहना चुनावी मुद्दा होगा? कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मोरबी जिले की टंकारा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक ललित कागथरा कहते हैं, “हम लोगों की जान जाने से दुखी हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं लेकिन हम अपने कर्तव्य में विफल होंगे यदि हम भाजपा की विफलताओं को उजागर नहीं करते हैं जिसके कारण यह आपदा आई है। इसलिए हम निश्चित रूप से अपने अभियान के दौरान इन विफलताओं को उजागर करेंगे।