बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के लिए महज तीन दिन बाकी है। हालांकि मोकामा में हुई दुलारचंद यादव की हत्या का मामला सुर्खियों में है। 30 अक्टूबर को दुलारचंद यादव की मोकामा में हत्या हुई थी और उसका आरोप अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगा है। इस मामले में मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी भी हुई है।
पोते ने क्या कहा?
दुलारचंद यादव के पोते ने बयान दिया कि अनंत सिंह के समर्थक कर्मवीर और राजवीर ने दादा को पकड़ा था और अनंत सिंह ने गोली चलाई थी। दुलारचंद के पोते का दावा है कि उसने अपनी आंखों से यह घटना देखी है। दुलारचंद यादव के पोते ने कई यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया जिसमें उसने कहा कि मैं जिस गाड़ी में था, उसमें मेरे दादा दुलारचंद यादव और ड्राइवर था। लेकिन जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार प्रियदर्शी पीयूष, जिनके प्रचार में दुलारचंद यादव शामिल थे, उन्होंने एक अलग दावा किया है।
लड़का अभी तक सदमे में है- प्रियदर्शी पीयूष
प्रियदर्शी पीयूष ने समाचार चैनल एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि दुलारचंद यादव मेरी गाड़ी में बैठे थे, मैं आगे बैठा था और वह पीछे बैठे थे। इसके बाद पत्रकार ने पूछा कि पोते और आपका बयान अलग-अलग है। इसके जवाब में प्रियदर्शी पीयूष ने कहा कि वह लड़का है, उसके दादाजी की मौत हुई है, इसलिए अभी तक सदमे में है। प्रियदर्शी पीयूष ने जोर देकर कहा कि दुलारचंद यादव जी हमारी गाड़ी में ही थे और इनोवा हाई क्रॉस गाड़ी में दाहिनी तरफ बैठे हुए थे।
बता दें कि इस मामले में कुल अभी तक तीन एफआईआर दर्ज की गई है। एक एफआईआर दुलारचंद यादव के पोते नीरज ने करवाई है, जिसमें अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थकों ने कराई है, जबकि तीसरी एफआईआर पुलिस ने खुद दर्ज की है। जन सुराज के उम्मीदवार प्रियदर्शी पीयूष ने अपनी तरफ से कोई एफआईआर नहीं दर्ज करवाई है।
बता दें कि 30 अक्टूबर को मोकामा के तारतर इलाके में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
