कर्ज के बोझ तले दबे केरल के एक व्यक्ति की जिंदगी में लाटरी के टिकट ने उसकी किस्मत ही पलट दी। कुछ घंटे पहले कर्ज चुकाने के लिए अपने नए बनाए गए घर को बेचने जा रहे इस व्यक्ति का अचानक एक करोड़ की लॉटरी निकल आई। इसके बाद उसने अपने घर बेचने का फैसला छोड़ दिया।
उत्तरी केरल के कासरगोड जिले के मंजेश्वर का मूल निवासी 50 वर्षीय मोहम्मद बावा और उसकी उनकी 45 वर्षीय पत्नी अमीना ने अपनी दो बेटियों की शादी के लिए और अचल संपत्ति के कारोबार में हुए नुकसान को समायोजित करने के लिए बड़ी रकम रिश्तेदारों और बैंक से उधार लिए थे। इसको चुकाने के लिए उसे करीब पचास लाख रुपए की सख्त जरूरत थी।
लेकिन लॉटरी निकल आने के बाद अब उन्होंने आठ महीने पहले बने अपने 2,000 वर्ग फुट के घर नहीं बेचने का फैसला किया। उन्होंने मीडिया से कहा, “मैंने लाटरी जीत ली है, इसलिए इस घर को बेचने की अब जरूरत नहीं है। जब हम पुरस्कार पाएंगे तो हमारी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।” उन्होंने कहा कि वह व्यापार में भारी नुकसान से सदमे में थे, लेकिन ऊपर वाले ने हमें इससे उबरने का एक रास्ता दिया है।
बावा ने कर्ज के जाल से बाहर निकलने की उम्मीद में रविवार दोपहर एक विक्रेता से केरल सरकार के फिफ्टी-फिफ्टी लॉटरी टिकट खरीदे थे। पांच बच्चों के पिता ने कहा, “रविवार दोपहर 3.30 बजे तक लॉटरी का परिणाम घोषित किया गया था। सौभाग्य से, मुझे पुरस्कार मिला। इससे पहले दिन में, खरीदारों ने हमें सूचित किया था कि वे शाम 5.30 बजे तक मेरे घर बयाना देने आएंगे।”
बावा ने कहा कि जब वे आए तो घर उन लोगों से भरा हुआ था, जिन्हें जैकपॉट के बारे में पता चला। इसकी जानकारी पर खरीदारों ने खुशी जताई।” बावा के मुताबिक वह लॉटरी टिकटों के नियमित खरीदार नहीं हैं। कहा, “मैं उस लॉटरी एजेंट को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, इसलिए जब वह मेरे घर के सामने से गुजरता था, तो वह मुझे कुछ टिकट देता था। यह विशेष टिकट मैंने बहुत तनाव में खरीदा था क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है।” उन्होंने कहा कि कर्ज चुकाने के बाद अब वह बाकी की रकम गरीबों और जरूरतमंदों के लिए खर्च करना चाहेंगे।