PM Modi Meets his School Teacher: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ‘गुजरात गौरव अभियान'(Gujarat pride campaign) पर अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर थे। पीएम मोदी ने इस दौरान अपने स्कूल टीचर जगदीश नाइक से मुलाकात की। एक प्रधानमंत्री की उसके स्कूल टीचर से मुलाकात देखने लायक थी। नवसारी में पीएम मोदी ने जैसे ही अपने टीचर से मुलाकात कर उन्हें प्रणाम किया तो गुरू ने भी हाथ उनके सिर पर रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। गुरू और छात्र का ये मिलने देखते ही बनता था।

सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही इस तस्वीर से ये बात झलक रही थी कि बचपन में भी कभी ऐसे ही नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद दिया करते रहे होंगे उनके गुरू। गुरू और शिष्य का ये मिलन जैसे ही नवसारी में हुआ, इस क्षण को तुरंत ही लोगों ने अपने मोबाइल और कैमरों में कैद कर लिया फिर क्या था देखते ही देखते लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वायरल तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स आए।

पीएम मोदी ने भेजा था निमंत्रण
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर नवसारी में एक मल्टीस्पेशलिटी और कैंसर अस्पताल परिसर के उद्घाटन समारोह में अपने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक जगदीश नाइक से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि नाइक के साथ उनकी बेटी और दामाद भी थे जिनके पास वीआईपी इनविटेशन था। सूत्र ने बताया कि नाइक ने वड़नगर के एक स्कूल में पढ़ते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद को प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक बताते हुए एक संदेश भेजा था। पीएम मोदी ने उन्हें एक निजी कमरे में आमंत्रित किया, जहां दोनों मिले।

सीआर पाटिल ने बताया कैसी रही गुरू-छात्र की मुलाकात
गुजरात के बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल भी वहां मौजूद थे जिन्होंने इस बैठक के बारे में बताते हुए कहा, “यह एक उत्कृष्ट बैठक थी यहां एक शिक्षक का गर्व साफ तौर पर झलक रहा था जिसका शिष्य प्रधानमंत्री बन गया हो वो शिक्षक कितना गौरवान्वित होता है ये बात दोनों की मुलाकात के बाद नाइक के चेहरे पर साफ तौर पर झलक रही थी। नाइक ने पीएम मोदी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया था। ये मुलाकात दोनों के लिए एक सुखद और यादगार क्षण था, क्योंकि लंबे समय के बाद वे शिक्षक और छात्र ने एक दूसरे से मुलाकात की थी।”

गुरू और छात्र की इस मुलाकात ने ‘कबीर’ के दोहे की याद दिलाई
हर शिक्षक की एक दिली इच्छा होती है कि उसका छात्र अपनी मंजिल को पाने में कामयाब हो जाए। और ऐसे में जब शिष्य कामयाबी के शिखर पर दिखाई दे और अपने गुरू के लिए झुककर एक छात्र की तरह शीश नवाकर आशीर्वाद ले तो ये क्षण वाकई में जीवन के सबसे बेहतरीन क्षणों में से एक होता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने गुरू से आशीर्वाद लेकर यहां पर कबीरदास जी के उस दोहे को चरितार्थ कर दिया, “गुरु गोविंद दोउ खड़े काकौ लागौ पांय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।” कबीरदास जी के इस दोहे का मतलब था कि अगर गुरू और भगवान एक साथ आ जाएं तो पहले किसके पैर छूने चाहिए इस सवाल के जवाब को बताते हुए कबीरदास जी ने ये दोहा कहा था, जब गुरू और भगवान एक साथ आ जाएं तो पहले गुरू के पैर छूने चाहिए क्योंकि भगवान तक पहुंचने का रास्ता भी गुरू ने ही बताया है।