केंद्र ने राज्यों को निर्देश जारी कर त्योहारों के दौरान गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण पर नजर रखने को कहा है। साथ ही गंगा या सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा की ओर से 16 सितंबर ( सोमवार) को जारी निर्देशानुसार गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी प्रतिमा के विसर्जन की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

सात दिन के भीतर सौंपनी होगी रिपोर्टः इसमें राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा गया है कि वह गणेश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा और सरस्वती पूजा जैसे त्योहारों के कारण सात दिन के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपें। निर्देश में कहा गया है, यदि कोई आदेश का उल्लंघन करता हुआ मिला तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और वह राशि वसूल कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दे दी जाएगी। जिलाधिकारियों को इसे लागू करने को कहा गया है।

कौन सी है गंगा की सहायक नदियांः गंगा नदी के दोनों ओर कुल 10 नदियां हैं। इसके बाएं ओर रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी और महानंद जैसी नदियां बहती है। वहीं दायीं ओर यमुना, तमसा, सोन, और पुनपुन नदी बहती है।
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बता दें कि राष्ट्रीय गंगा मिशन द्वारा नमामि गंगे द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक विसर्जन के लिए उन मूर्तियों के निर्माण पर रोक है जो मिट्टी और पानी में प्राकृतिक रूप से नहीं घुल सकतीं। यही नहीं सभी मूर्तियों को रंगने में इस्तेमाल किए जाने वाले जहरीले पेंट्स या सिंथेटिक पेंट्स के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने को कहा गया है।