Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में एक बेटे ने अपनी मां के निधन के बाद उनकी याद में मंदिर बनवाने का काम शुरू किया है। कुछ ही वर्षों पहले इस शख्स की मां का निधन हुआ था। जिसके बाद साल 2019 में इस शख्स ने अपनी मां की याद में इस मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया। इस शख्स का नाम श्रवण कुमार है। श्रवण कुमार ने मंदिर में पत्थर की तराशी गई अपनी मां की मूर्ति स्थापित करने का संकल्प लिया है।

इस मंदिर के निर्माण के लिए श्रवण कुमार ने बिहार से श्रमिकों को बुलाया है और उन्हें अपनी मां के मंदिर निर्माण का काम सौंपा है। गुरुवार (10 नवंबर) को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए श्रवण कुमार ने कहा, “मैं अपनी मां से प्यार करता था लेकिन कुछ साल पहले मैंने उन्हें खो दिया। मैं उनकी याद में बिहार के श्रमिकों से एक मंदिर बनाना चाहता था। साल 2019 में इस मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो गया। मेरी मां की मूर्ति की ऊंचाई छह फीट होगी और इस मूर्ति के हाथ और पैर भी एक ही पत्थर से तराशे गए हैं।”

मूर्तिकारों ने बताया काम पूरा होने में दो साल का समय

मूर्तिकला के काम में शामिल एक कार्यकर्ता ने बताया कि काम पूरा होने में दो साल और लगेंगे। “मुझे यहां काम करते हुए चार महीने हो गए हैं। मेरे पास मूर्तिकला का काम है। मुझे इसे दो साल के भीतर पूरा करने का काम सौंपा गया है। हमारी कार्यकर्ताओं की टीम पूरा जोर लगाकर काम कर रही है। इसे पूरा होने में दो साल से अधिक समय लग सकता है, लेकिन हमारा प्रयास है कि इसे समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।”

रामायण के श्रवण कुमार से प्रेरित हैं हैदराबाद के व्यवसायी श्रवण

श्रवण कुमार श्रीकाकुलम जिले के अमुदलवलसा मंडल के चीमावलसा गांव के रहने वाले हैं। आश्चर्यजनक रूप से वो रामायण की पौराणिक कहानी के नायक श्रवण कुमार के नाम से जाने जाते हैं। वो अपनी दिवंगत माता के लिए एक मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। पेशे से श्रवण कुमार एक व्यवसायी हैं वो हैदराबाद में अपना व्यवसाय चलाते हैं। कुछ वर्षों पहले उनकी मां का निधन हो गया था।