इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्‍टडीज एंड एनालिसिस (आईडीएसए) का कहना है कि देश में धार्मिक कट्टरता और भड़काने वाली हरकतें बढ़ी हैं। आईडीएसए एक थिंक टैंक है। इसे रक्षा मंत्रालय की ओर से पैसे मिलते हैं। इसकी इग्‍जेक्‍युटिव काउंसिल के सदस्‍यों में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी शामिल हैं।

आईडीएसए ने तीसरे सालाना इंटरनल सिक्‍योरिटी सेमिनार के लिए तैयार किए गए कॉन्‍सेप्‍ट नोट में धार्मिक कट्टरता बढ़ने की बात लिखी है। सेमिनार का विषय है- रैडिकलाइजेशन: ए ग्रोइंग सिक्‍योरिटी चैलेंज फॉर इंडिया। सेमिनार 9 दिसंबर को होगा।

आईडीएसए की नजर में असुरक्षा और अलग-थलग पड़ने की भावना बढ़ी है और ध्रवीकरण रोकने के लिए पंथरिनपेक्ष राजनीति अहम कदम साबित हो सकती है। कॉन्‍सेप्‍ट नोट में लिखा है- हाल में देश में विचारधारा के आधार पर ध्रवीकरण की कोशिशें होती दिखी हैं। धार्मिक कट्टरता और भड़काने वाली हरकतों में वृद्धि हुई है। चौबीसों घंटे सक्रिय रहने वालो इलेक्‍ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के जरिए ये चीजें जन-जन तक पहुंच रही हैं। इससे असुरक्षा और अलगावाद की भावना तेजी से मजबूत हो रही है।

आईडीएसए ने इस समस्‍या को हल करने की जरूरत बताई है और कहा है कि इसके लिए व्‍यवस्थित प्रणाली बनानी चाहिए। कॉन्‍सेप्‍ट नोट के मुताबिक, ‘मजबूत पंथनिरपेक्ष नजरिया ध्रुवीकरण रोकने और विकास सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम हो सकता है।’