उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सम्राट मिहिर भोज को लेकर सियासत शुरू हो गई है। आज सोमवार को गुर्जर समाज ने सम्राट मिहिर भोज के सम्मान में गौरव यात्रा निकाली। जिले में धारा 144 लगी हुई थी, इजाजत नहीं दी गई थी, इस सब के बावजूद भी यात्रा निकाली गई जिस वजह से जमीन पर तनाव बढ़ गया है। नाराज राजपूत समाज ने भी सड़क पर उतर ही इसका विरोध किया है। ऐसे में एक बार फिर गुर्जर और राजपूत समाज आमने-सामने आ गए हैं।
क्या है ये सारा विवाद?
असल में दोनों गुर्जर और राजपूत समाज ये मानते हैं कि सम्राट मिहिर भोज उनके वंशज है। दोनों समुदायों के बीच में इस बात को लेकर तकरार चल रही है कि मिहिर भोज किसके समाज से आते हैं। अब एक बार फिर अपना दावा मजबूत करने के लिए गुर्जर समाज ने गौरव यात्रा निकाली थी। पुलिस प्रशासन ने उस यात्रा की इजाजत नहीं दी थी, जोर देकर कहा गया था कि अगर बिना इजाजत ऐसा किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजपूत समाज का क्या तर्क?
लेकिन इन दावों के उलट जिस समय सहारनपुर की सड़कों पर गुर्जर समाज की ये गौरव यात्रा निकली, पुलिस बेबस नजर आई। बड़ी बात ये रही उस यात्रा से नाराज राजपूत समाज भी सड़कों पर उतर आया, यानी कि एक बार फिर आमने-सामने वाली स्थिति। वैसे जानकारी के लिए बता दें कि इस समय ये मामला कोर्ट में भी चल रहा है, इसी वजह से राजपूत समाज इस यात्र को लेकर ज्यादा नाराज है। राजपूत समाज का तर्क है कि महापुरुषों को किसी एक समाज या जाति से जोड़ना गलत है।
राजपूत समाज ने तो ये अपील भी की थी कि गुर्जर समाज गौरव यात्रा निकाल सकता है, लेकिन उसमें मिहिर भोज सम्राट का जिक्र ना किया जाए। अब ऐसा नहीं किया गया है, ऐसे में जमीन पर फिर कई साल पुराने इस विवाद पर सियासत शुरू हो गई है।