उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित एक स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन (Mid-Day Meal) में नमक-रोटी देने का मामला सुर्खियों में है। यह मामला उजागर करने वाले पत्रकार पर कानूनी कार्रवाई करने से बवाल मच गया है। अब पत्रकार पवन जायसवाल ने एक वीडियो जारी कर खुद बताया कि उसने किस तरह से इस कवरेज को अंजाम दिया है।

पत्रकार ने कहा, ‘मिर्जापुर के ब्लॉक जमालपुर में स्थित शिउर प्राथमिक विद्यालय को लेकर हमें कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि यहां छात्रों को मिड-डे मील में नमक रोटी और नमक चावल दिया जा रहा है। इसके बाद हम 22 अगस्त को फोन पर मिली जानकारी के अनुसार वहां गया। जाने से पहले मैंने एबीएसए ब्रजेश कुमार को मेरे वहां जाने की अग्रिम सूचना भी दी थी। जाने के बाद मैंने 12.07 मिनट पर एक वीडियो शूट किया जिसमें मैंने देखा कि बच्चे नमक-रोटी खा रहे हैं।’

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‘किरकिरी से बचने के लिए प्रशासन ने किया ऐसा काम’: पत्रकार ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वीडियो बनाने के बाद मैंने जिला स्तर पर काम कर रहे पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने डीएम को बताया तो उन्होंने खबर प्रसारित होने से पहले ही मेरी सूचना के आधार पर वहां जाकर जांच की और कई लोगों को निलंबित किया। इसके बाद ये मामला हाईप्रोफाइल हो गया। जिला प्रशासन ने अपनी किरकिरी होते देख हमारे ऊपर ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज कर दिए। उसमें एक भी बात हमारी तरफ से नहीं कही गई, मैंने हर चीज की जानकारी दी थी।’

ये रही यूपी सरकार की प्रतिक्रियाः इस संबंध में सीनियर डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर प्रियंका निरंजन ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘जांच करने पर लग रहा है कि यह वीडियो जानबूझकर बनाया गया है। पता चला है कि वहां मिड-डे मील कार्यक्रम प्रधान और प्रधानाध्यापक द्वारा संचालित है, एकल खाता नहीं है। प्रधान के बाद सारा कामकाज देखने वाले प्रधान प्रतिनिधि को जानकारी थी कि विद्यालय में समय से सब्जी नहीं है। हमने पत्रकार की कॉल डिटेल्स निकाली गई तो पता चला कि साढ़े 10 बजे ही प्रधान प्रतिनिधि ने ही उन्हें कॉल कर सब्जी नहीं होने की जानकारी दी थी। यानी उन्होंने सामग्री जुटाने की बजाय पत्रकार को वीडियो बनाने के लिए बुलाया।’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने सोमवार (2 सितंबर) को लतीफपुर के रहने वाले प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल को उसके गांव से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं आनन-फानन में एक शिक्षक और एनपीआरसी को निलंबित कर दिया था। प्रशासन ने इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी का भी ट्रांसफर कर दिया।