सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) केन्द्र और मेघालय सरकार को कहा कि वो पूर्वी जयंतिया हिल्स में खदान में फंसे खनिको को निकालने के लिए कोशिश जारी रखें और साथ ही विशेषज्ञों की मदद लें। खदान में फंसे खनिकों पर जस्टिस एके सीकरी की अगुवाई वाले बेंच ने कहा कि चमत्कार भी होते हैं, रेस्क्यू की कोशिशें जारी रखें।

क्या बोला सुप्रीम कोर्ट: जस्टिस एके सीकरी की अगुवाई वाले बेंच ने राज्य और केन्द्र सरकार को कहा कि रेस्क्यू की अपनी कोशिशें जारी रखें। क्या पता कम से कम कुछ खनिक अभी भी जिंदा हो? चमत्कार भी होते हैं। वहीं मेघालय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फंसे हुए खनिकों को खदान से निकालने के लिए नेवी द्वारा रिमोट से चलने वाले 5 वाहनों का इस्तेमाल जारी है। वहीं करीब 200 बचावकर्मी हर संभव कोशिश की जा रही है।

जानें पूरा मामला: दरअसल 13 दिसंबर को मेघायल के पूर्वी जयंलिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में पानी भर गया था। जिसमें जानकारी के मुताबिक अभी भी 15 लोग फंसे हैं। अधिकारियों ने कि जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली तो तुरंत उसके बाद वहां एक पंप लगाया गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सदस्यों के साथ राज्य आपदा मोचन बल भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। गौरतलब है कि पास की लैटीन नदी का पानी सान गांव में मौजूद खदान में 13 दिसंबर को प्रवेश कर गया था।

370 फुट गहरी है खदान: पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) एक आर माथोह ने कहा कि हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं जो कि करीब 370 फीट गहरी है। एनडीआरएफ के मुताबिक पानी का स्तर 70 फुट है। वहीं पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक सेल्वेस्टर नोंगतिंगर ने कहा कि पानी का स्तर नीचे नहीं गया है। इसके साथ ही कुल 5 पंप बचाव में लगाए गए हैं। इसके साथ ही गोताखोर फंसे हुए खनिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

असुरक्षित खदानों पर लगी है रोक: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगाया रखा है। पुलिस ने खदान का संचालन करने वाले जेम्स सुखलैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल वह अभी फरार चल रहा है।