मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स पर अवैध कोयला खदान में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में एक महीने तीन दिन बाद एक श्रमिक का शव बरामद हो पाया है। नौसेना की टीम को यह शव करीब 200 फीट की गहराई में मिला। बाकी 14 मजदूरों के लिए सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ से नेवी तक तमाम दल रेस्क्यू में जुटे हैं। एनजीटी की रोक के बावजूद यहां अवैध तौर पर खनन जारी था। गोताखोर पानी के अंदर रिमोट से ऑपरेट होने वाले व्हीकल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
370 फीट गहरी खदान में घुसा था नदी का पानीः खदान में काम कर रहे 15 मजदूर 13 दिसंबर को अचानक पास में बहने वाली नदी का पानी घुस जाने से फंस गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 370 फीट गहरी इस खदान में 100 फीट से भी ज्यादा तक पानी भरा है। इतने दिनों तक इंतजार करते-करते मजदूरों के परिजनों की हालत खराब हो गई लेकिन अब भी उन्हें कोई अच्छी खबर नहीं मिल पाई। एक शव बरामद होने के बाद बाकी मजदूरों के परिजन और ज्यादा चिंतित हो गए हैं।
रेस्क्यू की गति से असंतुष्ट था सुप्रीम कोर्टः इतने समय तक मजदूरों के अंदर फंसे होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी रेस्क्यू की गति को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। रेस्क्यू ऑपरेशन से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सब मारे जा चुके हैं, कुछ जिंदा हैं, कुछ मारे गए हैं या सभी जिंदा हैं। उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी जिंदा हों।’