इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (IMC) के अध्यक्ष और आला हजरत दरगाह से जुड़े मौलाना तौकीर रजा खान के सुर अब थोड़े नरम पड़े हैं। शुक्रवार (22 अप्रैल 2022) को पीएम नरेंद्र मोदी की उन्होंने तारीफ तो की, लेकिन वह साथ में एक और तंज भी कस गए। दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर को लेकर भड़काऊ बयान देते हुए कहा था की मुसलमान अगर सड़कों पर उतर आएं तो उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि देश में महाभारत होने से कोई रोक नहीं सकता है।
इस बयान के बाद तीखी आलोचना झेल रहे मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना तौकीर रजा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धृतराष्ट्र नहीं कहा। वो तो पीएम का बहुत सम्मान करते हैं। अपने इस बयान पर विवाद बढ़ता देखकर तौकीर रजा ने सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने कोई गलत बात नहीं की, जो भी कहा सोच-समझकर कहा है। हम फकीर लोग हैं, हमने जो सोचा, देखा और महसूस किया वो बोल दिया। ‘ उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी का सम्मान करता हूं, मन से उनका समर्थन करता हूं और उनके अच्छे कामों की प्रशंसा करता हूं।
धृतराष्ट्र की वजह से हुआ महाभारत- उन्होंने कहा, ‘अगर बोलना जुर्म है तो मैं बैठा हूं, मुझे गिरफ्तार कीजिए। जैसा भी घर है टूटा फूटा उस पर बुलडोजर चला दीजिए। मुझे कोई एतराज नहीं है। तौकीर रजा ने अपनी सफाई में कहा, “मैंने प्रधानमंत्री जी को धृतराष्ट्र नहीं कहा। धृतराष्ट्र अंधा था, गूंगा बहरा नहीं, वह सब देख रहा था और जानबूझकर एकतरफा कार्रवाई कर रहा था। वो माहौल को न समझकर पक्षपात और बेईमानी कर रहा था। उन्होंने कहा कि धृतराष्ट्र की वजह से इतना बड़ा महाभारत का युद्ध हो गया था।
रजा ने अपने बयान का मतलब समझाते हुए कहा कि मैंने वो बात दोबारा इस तरह की घटना ना हो और फिर से हिंदुस्तान में महाभारत ना हो जाए इसलिए कही थी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए रजा ने कहा, “मुझे जो ठीक लगता है मैं बोलता हूं, योगी जी के लिए जो नया शासनादेश आया है, मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश को इससे बड़ी ताकत मिलेगी। राज्य में शांति बनाए रखने में यह पुल का काम करेगा।”
क्या कहा था तौकीर रजा ने- बुलडोजर की कार्रवाई से नाराज तौकीर रजा ने कहा था कि ऐसा लगता है कि पीएम मोदी धृतराष्ट्र हो गए हैं। आज के जो हालात हैं उससे देश बंटवारे की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा था कि दस दिन बाद मीटिंग होगी और जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस आंदोलन के जरिए एकता और भाईचारे का पैगाम दिया जाएगा।
