करीब 26 महीने से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की रिहाई की मांग को लेकर ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से अपील की है। मौलाना रिजवी ने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर आजम खान की जेल से रिहाई के लिए संसद में आवाज उठाने और पीएम मोदी से बात करने को कहा है।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने अपने पत्र में मुलायम सिंह यादव के पीएम मोदी से संबंधों का जिक्र भी किया है। उन्होंने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि आजम खान मुलायम सिंह के पुराने साथी हैं और उन्होंने समाजवादी पार्टी को बुलंदियों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। मौलाना ने चिट्ठी में लिखा है कि आजम खान इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री से अपील कर आजम खान की रिहाई के लिए कदम उठाएं।

आजम खान के हितैषी उनकी रिहाई को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर इल्जाम लगा रहे हैं कि वो नहीं चाहते कि आजम जेल से बाहर आएं। ऐसे में इस मामले में मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।

सीएम योगी को लिखी चिट्ठी: इसके साथ ही मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सपा नेता आजम खान ढाई साल के जेल में बंद हैं। वो कई बार विधायक, सांसद और उत्तर प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं, लिहाजा आप से गुजारिश है कि जेल में उनके खाने-पीने और रहने के लिए माकूल इंतजाम करा दें। मौलाना रिजवी ने आगे लिखा कि आजम खान की रिहाई की दिशा में प्रदेश सरकार कदम बढ़ाएगी तो मुसलमानों के लिए आपकी सोच में बदलाव दिखाई देगा।

आजम खान पर दर्ज हैं कई मुकदमे: विधानसभा चुनाव 2022 में रामपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनने वाले आजम खान बीते दो साल से ज्यादा समय से सीतापुर की जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 87 मुकदमे कई कोर्ट में विचाराधीन हैं। हालांकि इसमें से अधिकांश मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है। 2 अप्रैल 2007 को हुसैनी मोहल्ले में चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने एक जनसभा सभा को संबोधित करते हुए कई उत्तेजक और आपत्तिजनक बातें कही थीं। 4 अप्रैल 2007 को उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था जिसमें धारा 144 का उल्लंघन, चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन और आईपीसी की धारा 188 का उल्लंघन माना गया था।