मथुरा जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन ने दरख्वास्त की है कि वह जवाहर बाग इलाके में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार लोगों को किसी दूसरी जेल में भेजें। जेल प्रशासन ने इसके लिए दलील दी कि उनके यहां पहले से ही बहुत ज्यादा भीड़ है।
मथुरा जिला जेल के एसपी पीडी सलोनिया ने कहा कि गुरुवार को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 167 पुरुष और 97 महिलाओं को मथुरा जेल भेज गया है। गिरफ्तार लोग मध्य प्रदेश, झारखंड और यूपी के दूसरे हिस्सों के हैं। पीडी सलोनिया ने बताया, ‘जेल की 554 की क्षमता है और फिलहाल इसमें 1730 कैदी हैं। मैंने दरख्वास्त की है कि कैदियों को दूसरे जेल भेजा है। मैंने जेल हेडक्वार्टर को वर्तमान हालात के बारे में जानकारी दे दी है।’
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गुरुवार को ऑपरेशन चलाते वक्त पुलिस ने मथुरा के फराह इलाके में एक अस्थाई जेल बनाकर पकड़े गए आरोपियों को रखा था। बाद में कागजी कार्यवाही के बाद उन्हें जिला जेल शिफ्ट कर दिया गया। महिलाओं समेत अधिकतर लोगों को शांतिभंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। डीएम राजेश कुमार ने कहा कि एक बयान बयान दर्ज होने के बाद गिरफ्तार लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
इस मामले में कुल 14 एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि संघर्ष में 2 पुलिसवालों समेत 25 लोगों की जान चली गई थी। अभी 13 मृतकों की पहचान होनी बाकी है। मारे गए लोगों में जिन 10 की पहचान हुई, उनमें रामवृक्ष यादव भी था। उसे इस हिंसा का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
मथुरा पुलिस ने रामवृक्ष के तीन करीबियों चंदन बोस, राकेश गुप्ता और विवेश यादव पर 5 हजार रुपए का इनाम रखा है। एसपी मथुरा ने कहा कि इनाम का एलान इसलिए किया गया क्योंकि ये तीनों लापता हैं।