मथुरा में जवाहर बाग पर अतिक्रमण कर बैठे स्वाधीन भारत सुभाष सेना ने पुलिस पर गुरुवार को हमला बोल दिया। इस हमले में एसपी सहित दो पुलिसकर्मी और 19 प्रदर्शनकारी मारे गए। पुलिस अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर गई थी। इसी दौरान अतिक्रमियों ने उस पर हमला किया। जिस संगठन ने अतिक्रमण कर रखा है, उसने सत्याग्रह करने के लिए एक दिन के लिए जमीन ली थी। लेकिन दो साल बाद भी वे वहीं पर जमे हुए हैं। साथ ही जमीन खाली करने से भी मना कर रहे हैं।
स्वाधीन भारत सुभाष सेना के लोग खुद को सुभाषचंद्र बोस का अनुयायी कहते हैं। इनकी मांग काफी अजीबोगरीब हैं। इनका कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत एक रुपए लीटर की जाए। देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन किया जाए। आजाद हिंद फौज के कानून माने जाएं। इसी की सरकार देश में शासन करे। जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाए। आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन शुरू की जाए। जवाहरबाग की 270 एकड़ जमीन ‘सत्याग्रहियों’ को सौंप दी जाए। देश में अंग्रेजों के समय से चल रहे कानून खत्म किए जाएं। पूरे देश में मांसाहार पर बैन लगाया जाए। मांसाहार करने वालों को सजा दी जाए।
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उपद्रवियों का नारा है, ‘आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन करना होगा, नहीं तो भारत छोड़ना होगा।’ इन लोगों का मुखिया रामवृक्ष यादव नाम के शख्स को बताया जा रहा है। रामवृक्ष यादव बाबा जयगुरुदेव का शिष्य रह चुका है। जयगुरुदेव की मृत्यु के बाद इन लोगों ने उनके उत्तराधिकारी बनने का दावा किया। जब इन्हें यह अधिकार नहीं मिला तो इन्होंने अलग से गुट बना लिया।
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इनके फेसबुक पेज पर लिखा है, ”हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सच्चे अनुयायी हैं। हम सभी सरकारी संस्थाओं, यहां तक कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका से सत्यापित दस्तावेजों और सूचना जारी करने की मांग करते हैं। हम देश के शासकों से संबंधित सारे रिकॉर्ड को सार्वजनिक किए जाने की मांग करते हैं।”
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