Gorakhpur News: जीडीए यानी गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने नगर के घोष कंपनी चौराहे के पास में नगर निगम की जमीन पर अवैध तरीके से बनाई गई मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया गया है। सूत्रों ने बुधवार को समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के बेटे शोएब अहमद को नोटिस देकर 15 दिन के अंदर खुद ही निर्माण हटाने का निर्देश दिया है। अगर वह तय समय सीमा के अंदर मस्जिद को धवस्त नहीं करते हैं तो जीडीए उसे गिरा देगा और इसमें होने वाले खर्च को निर्माणकर्ता से वसूलेगा।
पिछले साल गोरखपुर डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने निरीक्षण किया था। इसमें पाया गया था कि मेवातीपुर के शुऐब अहमद 60 वर्ग मीटर क्षेत्र में दो मंजिल तैयार कर चुके थे और तीसरी मंजिल की शटरिंग पर काम किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि कई नोटिस के बाद भी निर्माणकर्ता उस मस्जिद के लिए स्वीकृत मानचित्र नहीं मिला। इस जमीन पर पिछले 50 सालों से अतिक्रमण है।
पिछले साल निगम ने चलाया था अभियान
जनवरी 2024 में नगर निगम ने इस इलाके में अभियान चलाया था। इसमें 12 रिहायशी और 31 व्यावसायिक दुकानें हटाईं। उसी वक्त वहां पर मौजूद मस्जिद के भूतल को भी गिराया जाने लगा। इसका मुतवल्ली समेत कई लोगों ने विरोध किया। बाद में बाद में नगर निगम बोर्ड ने मस्जिद के नजदकी उसके पुनर्निर्माण के लिए दक्षिण-पूर्व कोने पर 60 वर्ग मीटर का भूखंड मंजूर किया था। जीडीए के आदेश को चुनौती देते हुए मस्जिद के ट्रस्टी ने कमिश्नर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है।
हिमाचल में संजौली मस्जिद को लेकर फिर विवाद
सही दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए
गोरखपुर डेवलेपमेंट अथॉरिटी के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने कहा कि निर्माण पूरी तरह से अवैध था और बार-बार नोटिस देने के बाद भी कोई सही कागज उपलब्ध नहीं कराए गए। तीन बार नोटिस जारी कर सुनवाई का मौका दिया गया, लेकिन कोई भी जवाब नहीं दिया गया। इस बीच, ट्रस्टी के बेटे शोएब अहमद ने तर्क दिया है कि नगर निगम बोर्ड ने पहले ही जमीन को मंजूरी दे दी थी और 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र में निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती है। हजार घरों पर लटके ताले, डर के मारे पलायन और पुलिस का एक्शन, संभल में कैसा है माहौल? पढ़ें पूरी खबर…