कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों से जुड़े नेम प्लेट विवाद पर अभी विवाद खत्म नहीं हुआ था कि अब उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थानीय प्रशासन के एक और फैसले ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग पर एक मस्जिद और मजार को पर्दे से कवर कर दिया गया है।

न्यूज एजेंसी PTI द्वारा जारी किए गए विजुअल्स के अनुसार, हरिद्वार जिला प्रशासन ने राम नगर कॉलोनी स्थित एक मस्जिद और दुर्ग चौक पर मौजूद एक मजार को पर्दे से ढक दिया है। ये दोनों- मस्जिद और मजार – कांवड़ यात्रा मार्ग पर हैं, इस समय कांवड़िए यहां से गुजर रहे हैं।

योगी सरकार ने क्यों दिया था नेमप्लेट लगाने का आदेश? सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताई ये वजह

पर्दा लगाने पर क्या बोले स्थानीय लोग

शकील नाम के एक स्थानीय मुस्लिम बुजुर्ग ने बताया कि बाबा भूरे शाह की पुरानी मजार है। पिछले चालीस सालों में उन्होंने यह पहली बार देखा। मजार क्यों ढकी गई, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वास्तविक वजह प्रशासन ही बता सकता है, जिसने करीब तीन दिन पहले मजार के सामने पर्दा लगाया।

उन्होंने यह भी बताया कि पहले कांवड़िए यहां रुकते थे। कुछ यहां नहाते भी थे और चाय वगैरह पीकर आगे की यात्रा करते थे। मस्जिद के पास रहने वाले अनवर अली ने बताया कि प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से यह पर्दा लगाया गया। यह पर्दा पिछले गुरुवार को रात दस बजे लगाया गया। प्रशासन ने शाम को करीब छह बजे इसकी जानकारी भी दी। उन्होंने पर्दा लगाने का कोई कारण नहीं बताया।

प्रशासन ने क्या कहा?

उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कांवड़ यात्रा को व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए मस्जिद और मजारों को ढका गया है। उन्होंने कहा, “कोई समस्या न हो, इसे देखते हुए ही कुछ बातों पर रोक लगाई जाती है। कांवड़ मार्ग पर किसी प्रकार की उत्तेजना न हो, इसलिए मस्जिद और मजारों को ढका गया है।”

विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि प्रशासन का मस्जिदों और मजारों को ढकने का फैसला हैरान करने वाला है। अली ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और कुछ कांवड़िए मस्जिदों में भी जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां सभी हर धर्म व जाति का ध्यान रखते हैं।