मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसकी शादीशुदा बहन को 51.75 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा करते हुए कहा कि कानूनी उत्तराधिकारी मुआवजे के अधिकारी हैं, फिर भले ही वे मृतक पर आश्रित न हों। दावाकर्ता दिव्या आलोक श्रीवास्तव ने ठाणे एमएसीटी को सूचित किया था कि आइसीआइसीआइ प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस में काम कर प्रतिवर्ष लगभग चार लाख रुपए कमाने वाले उनके 27 वर्षीय भाई अभिषेक कुमार ने 23 मई 2007 को वन साईं नेटवर्क एजंसी से एक टैक्सी किराए पर ली थी और वह अपने माता-पिता के साथ दर्शन करने शिरडी गया था। अगली सुबह, पुणे जाने के दौरान कार चालक सागर विलास लोखंडे कथित तौर पर तेज गति से कार चला रहा था। वह वाहन पर से अपना नियंत्रण खो बैठा और कार सड़क के किनारे लगे पेड़ से जा टकराई। दुर्घटना में दावाकर्ता के पिता, माता, भाई अभिषेक और टैक्सी चालक की मौके पर मौत हो गई। दिव्या ने आरोप लगाया कि यह दुर्घटना सिर्फ चालक की लापरवाही के चलते हुई और वह अपने भाई की मौत के लिए मुआवजे की उत्तराधिकारी है।
टैक्सी का मालिक इस दावे के खिलाफ न्यायाधिकरण में नहीं आया जिसके चलते फैसला एकपक्षीय तरीके से दावाकर्ता के पक्ष में सुना दिया गया। हालांकि बीमा कंपनी के वकील ने कहा कि आवेदनकर्ता मोटर वाहन कानून की धारा 166 के तहत मुआवजे की अधिकारी नहीं है क्योंकि वह शादीशुदा है और अपने भाई पर आश्रित नहीं थी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण सदस्य पीआर कदम ने पाया कि दावाकर्ता के वकील ने यह अभ्यावेदन दिया है कि मोटर वाहन कानून की धारा 166 के तहत, दुर्घटना में मौत होने पर मृतक के सभी या कोई भी कानूनी प्रतिनिधि दावा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह प्रावधान आश्रित लोगों की बात नहीं कहता बल्कि यह मृतक के कानूनी प्रतिनिधि की बात कहता है। उन्होंने कहा, प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारियों की अनुपस्थिति में शादीशुदा बेटी/बहन मुआवजे का दावा करने की अधिकारी है, फिर चाहे वह अलग ही क्यों न रह रही हो। इसलिए न्यायाधीश कदम ने हाल ही में ठाणे की इस महिला को 51.75 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया। इसमें 51 लाख रुपए निर्भरता के नुकसान (भविष्य की आय) के लिए हैं और 25-25 हजार रुपए परिजन के अंतिम संस्कार के खर्च, भाई के प्रेम और संपत्ति से वंचित हो जाने के मुआवजे के रूप में हैं।