Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में रिवाज के मुताबिक कांग्रेस (Congress) पार्टी फिरसे सत्ता में लौट आई है। कांग्रेस (Congress) के केंद्रीय नेतृत्व ने चार बार के विधायक 58 वर्षीय सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) को पहाड़ी राज्य चलाने के लिए चुना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के साथ मुकेश अग्निहोत्री ने उनके डिप्टी के रूप में शपथ ली है। हालांकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के पूरा मंत्रिमंडल अभी नहीं बन पाया है। जो राज्य में गुटबाजी और पार्टी के भीतर खींचतान और दबाव को दिखाता है।

सुक्खू सरकार की होगी कठिन परीक्षा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने अपने पहले प्रशासनिक निर्णयों में से एक में 1 अप्रैल से पिछली भाजपा सरकार द्वारा स्थापित 500 से अधिक संस्थाओं और विभागों को बंद करने की घोषणा की है। उनका कहना था कि यह सब “वोट बैंक रणनीति” के तहत बनाए गए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने जो अब विपक्ष के नेता बन गए हैं सुक्खू सरकार द्वारा इस कदम को वापस नहीं लेने पर राज्यव्यापी विरोध शुरू करने की धमकी दी है। नया साल सुक्खू के नेतृत्व के लिए एक लिटमस टेस्ट होने जा रहा है। जिसका कामयाबी हासिल करना पार्टी के नेताओं के ऊपर निर्भर करता है।

मजबूत विपक्ष के रूप में भाजपा

सुक्खू सरकार की प्रमुख चुनौतियां चुनाव से पहले हिमाचल के लोगों से किए गए कुछ प्रमुख लुभावने वादों को पूरा करना होगा। विशेष तौर पर सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने का बड़ा वादा इसमें शामिल है। राज्य में अपनी जीत का सिलसिला बढ़ाने के लिए कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू करने के लिए भी तैयार है। बीजेपी के लिए भी

आने वाला साल 2024 के चुनावों को देखते हुए अहम रहने वाला है। भाजपा विपक्ष की भूमिका कांग्रेस सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी करेगी। विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन भाजपा की पूरी नजर रहेंगी।

हिमाचल में कई प्रमुख विकास परियोजनाएं आ रही हैं। जिनमें चार लेन के राजमार्गों के निर्माण से लेकर एक महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना की स्थापना भी शामिल है। मानसून के मौसम में पहाड़ी राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन एक आम घटना बन गई है। विशेषज्ञों ने कहा कि वर्ष के दौरान बहुत कम अवधि में भारी मात्रा में वर्षा दर्ज की गई है, जिससे राज्य में मौसम संबंधी कई घटनाएं हुई हैं। यह देखना होगा कि नई सरकार इन महत्वपूर्ण पर्यावरण और जलवायु मुद्दों को कैसे हल करती है।