पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत बादल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर अपनी पार्टी पीपुल्स पार्टी आॅफ पंजाब (पीपीपी) का कांग्रेस में विलय कर दिया। इसके साथ ही कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी शकील अहमद ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम लोग इस बात से खुश हैं कि मनप्रीत सिंह बादल की अगुवाई वाली पीपीपी का आज कांग्रेस में विलय हो गया।’

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी के चुनाव अभियान समिति की प्रमुख अंबिका सोनी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘कांग्रेस चुनाव अभियान का चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह होंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, उन्होंने कहा, ‘यह अभी मैं कैसे कह सकती हूं। आप अपना निष्कर्ष निकाल सकते हैं।’ यह सवाल अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआइसीसी) के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी शकील अहमद से पूछा गया था लेकिन उन्होंने इस सवाल का जवाब देने के लिए सोनी से कहा।

इस अवसर पर पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘हम लोग इस बात से खुश हैं कि मनप्रीत जी हम लोगों के साथ जुड़ गए हैं। उनकी पूरी पार्टी ने राहुल जी से मुलाकात की। हम लोग अच्छे तरीके से अपने अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। हम लोगों की नजर अब अगले चुनाव के लिए गठबंधन पर है। हम लोग सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि महज 0.8 फीसद वोट के अंतर से कांग्रेस 2012 का विधानसभा चुनाव हार गई थी। वहीं पीपीपी को पांच फीसद मत मिले थे।

अमरिंदर ने कहा अगर हम लोग एक साथ होते तो पंजाब को बचाया जा सकता था। एक सवाल के जवाब में अमरिंदर सिंह ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार करते हुए उनकी पार्टी को अनुभवहीन बताया और चेताया कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा के 10 साल के शासन के बाद अगर आप सत्ता में आई तब पंजाब कभी खड़ा नहीं हो पाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का प्रयास कर रहे हैं।

मनप्रीत ने अपने चाचा प्रकाश सिंह बादल और भाई सुखबीर सिंह बादल के साथ मतभेद के बाद शिरोमणि अकाली दल छोड़ दिया था। मनप्रीत 2010 में राज्य के वित्त मंत्री थे। उन्होंने कहा कि पंजाब की प्रगति के पीपीपी के एजंडा के लिए कांग्रेस उपयुक्त मंच है। मनप्रीत ने कहा कि उन्होंने शिरोमणि अकाली दल इसलिए छोड़ी क्योंकि वे अकाली सरकार की नीतियों से सहमत नहीं थे। मनप्रीत ने कहा कि वे और पीपीपी का कोई भी कार्यकर्ता पार्टी में तब तक कोई पद स्वीकार नहीं करेगा जब तक वे हरेक कांग्रेस कार्यकर्ता का दिल ना जीत लें। संवाददाता सम्मेलन में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद थे।

  • पंजाब में कांग्रेस के चुनाव अभियान का चेहरा होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह
  • राहुल से मिलने के बाद कांग्रेसी हुए बादल के भतीजे मनप्रीत बादल