अनूप चौधरी

रावण के पुतले को अहंकार मिटाने के नाम पर हर साल दशहरे पर जलाया जाता है। लेकिन इस साल रावण का पुतला भाजपा की गुटबाजी के कारण बिना जले ही रह गया। यह पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले पिछले साल भी भाजपा नेताओं के आपसी टकराव में दशहरे पर रावण का दहन नहीं हुआ था। रावण का पुतला तो नहीं जला पर श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर ने विरोध स्वरूप बिना जले रावण के पुतले की शवयात्रा निकाली।  विवाद भाजपा के पूर्व विधायक चंदर भाटिया के भाई और श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया बनाम बडखल की विधायक और मुख्य संसदिय सचिव सीमा त्रिखा के बीच है। इसमें आधी भाजपा सीमा के साथ है जबकि दूसरा धड़ा भाटिया को बढ़ावा दे रहा है। पूरे मामले की शुरुआत तो भाजपा सरकार बनने के बाद एक नंबर एनआइटी में श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी पर राजनीतिक कुठाराघात करने से हुई थी। लेकिन ताजा मामला स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा को दरकिनार कर उद्योग मंत्री विपुल गोयल को रावण दहन कार्यक्रम में बुलाने से शुरू हुआ।

राजनेताओं की इस अहम की लड़ाई की सजा जमीन पर पड़े रावण और मेघनाद के पुतलों ने भुगती। रावण-मेघनाद के पुतले नहीं जलाए गए। दशहरा मनाने को लेकर श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर, मार्केट नंबर एक और फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन के बीच सोमवार रात हुए विवाद के बाद मंगलवार को रावण दहन नहीं हुआ तब से ही तनाव बुधवार तक भी बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर हनुमान मंदिर कमेटी को बीके अस्पताल की दीवार की तरफ पुतले लगाने को कहा था। इस जगह फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन ने पहले से ही रावण के पुतले लगाए हुए थे। हनुमान मंदिर कमेटी प्रतिवर्ष भांति मैदान के बीचोंबीच पुतले लगाना चाहती थी। इसी बात को लेकर सोमवार को रात भर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर मार्केट नंबर एक के प्रधान राजेश भाटिया और सदस्यों की कहासुनी होती रही। बाद में राजेश भाटिया के भाई और पूर्व विधायक चंद्र भाटिया भी मौके पर पहुंच गए।

दशहरा मैदान में दूसरे संगठन फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की चेयरपर्सन डॉक्टर राधा नरुला, प्रधान जोगेंद्र चावला भी थे। सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान राजेश भाटिया का कहना है कि हमारे दशहरा कार्यक्रम को खराब करने की कोशिश की गई है। विरोधस्वरुप हमने मंगलवार को रावण की शव यात्रा निकाली। मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा का कहना है कि दशहरा मनाने को लेकर जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की चेयरपर्सन डॉक्टर राधा नरुला का कहना है कि दूसरे संगठन के लोग मैदान के बीचों-बीच पुतले लगा रहे थे। प्रशासन का यही कहना था कि एक ही तरफ पुतले लगाए जाएं। दूसरे संगठन की जिद से बात बिगड़ी। फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन के प्रधान जोगेंद्र चावला का कहना है कि हनुमान मंदिर की टीम ने व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की है। मंदिर कमेटी की टीम मैदान के बीच में पुतले लगाने को मुद्दा बना रही थी इसलिए माहौल तनावपूर्ण बना।