मणिपुर के चुराचांदपुर में गुरुवार को सुरक्षाबलों के साथ झड़प में दो लोगों की मौत हो गयी, जिसके बाद से इलाके में तनाव जारी है। मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में सुरक्षाबलों के साथ झड़प में दो लोगों की मौत होने के बाद शुक्रवार को भी यह क्षेत्र तनावपूर्ण रहा। पुलिस के मुताबिक एक कांस्टेबल के निलंबन का विरोध कर रही भीड़ CP ऑफिस में प्रवेश कर गई थी।

एक प्रमुख कुकी संगठन द्वारा 24 घंटे के भीतर मणिपुर के चुराचांदपुर छोड़ने के अल्टीमेटम को देखते हुए, जिले के डिप्टी कमिश्नर ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह लोगों को छोड़कर गायब नहीं हो सकते। कुकी-बहुल जिले में गुरुवार रात को हिंसा तब भड़क गई जब एक वीडियो में कुकी हेड कांस्टेबल को समुदाय के हथियारबंद लोगों के साथ दिखाए जाने पर निलंबित कर दिया गया था।

मौतों के विरोध में बंद का आह्वान

जिसके बाद शुक्रवार को, द इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम- एक प्रभावशाली कुकी-ज़ो संगठन ने दो मौतों के विरोध में बंद का आह्वान किया और एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया। जिसमें कहा गया कि उसने पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे और डीसी एस धारुन कुमार को घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार माना है।

आईटीएलएफ ने धमकी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर हेड कांस्टेबल का निलंबन वापस नहीं लिया गया और दोनों अधिकारी नहीं गए, तो सभी सरकारी कार्यालय बंद कर दिए जाएंगे और किसी भी अप्रिय घटना के लिए एसपी और डीसी दोनों जिम्मेदार होंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि दोनों अधिकारियों को केंद्र शासित प्रदेश कैडर के अधिकारियों द्वारा बदला जाए जोकि कुकी-ज़ो समुदाय से हों।

‘चाहे कुछ भी हो हमें आम जनता की रक्षा करनी है’

डीसी थारुन कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम स्थिति पर फैसला लेंगे क्योंकि एसपी और डीसी किसी जिले के लोगों को छोड़कर गायब नहीं हो सकते हैं। चाहे कुछ भी हो हमें आम जनता की रक्षा करनी है, इसीलिए हम यहां हैं। हम अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी हैं जो दूर-दराज से लोगों की मदद करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने के लिए आए हैं। हमें ऐसे किसी भी स्थान पर सेवा करने में कोई दिक्कत नहीं है जहां सरकार उचित समझे।”

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा

पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को हुई झड़प में दो लोगों की मौत के अलावा 42 लोग घायल हुए हैं। कांस्टेबल सियामलालपॉल को एक वीडियो में हथियारबंद लोगों के साथ देखे जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मृतकों की पहचान लेटलालखुओल गांगटे और थांगगुनलेन हाओकिप के रूप में की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर रूप से घायल दो लोगों को चुराचांदपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चुराचांदपुर जिला लघु सचिवालय क्षेत्र और उसके आसपास संपत्तियों के खराब होने और जलने की खबरें हैं।’’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हिंसा के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सरकारी रिकॉर्ड नष्ट हो गए हैं। ’’ पुलिस ने बताया कि रात करीब एक बजे गुस्साई भीड़ ने उपायुक्त कार्यालय के आधिकारिक आवास को भी आग लगा दी। चुराचांदपुर में आईटीएलएफ द्वारा बुलाए गए बंद के कारण शुक्रवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सड़कें और बाजार वीरान नजर आए। पुलिस ने कहा कि असम राइफल्स के जवान कस्बे में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।