कर्नाटक के घने जंगलों में एक नरभक्षी बाघ को पकड़ा गया। यहां वन विभाग (Forest Department) ने पिछले पांच दिनों से आतंक मचाने वाले एक टाइगर (Tiger) को पकड़ा है। मामला राज्य की राजधानी बेंगलुरु (Capital City of Bengaluru) का है। एक अधिकारी के मुताबिक इस बाघ को रविवार (13 अक्टूबर) को पकड़ने में सफलता मिली।
आदिवासियों की मदद से सफल हुआ ऑपरेशनः आईएएनएस के मुताबिक राज्य के बांदीपुर रिजर्व फॉरेस्ट (Bandipur Reserve Forest) में स्थानीय आदिवासियों (सोलिगा जनजाति) की मदद से इसे पकड़ा गया। इसी समुदाय के लोगों ने उसे झाड़ियों में कुछ छिपाते हुए पकड़ा था। राज्य के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन संजय मोहन जंगल के बाहर से ही इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रख रहे थे।
यहां फैला बांदीपुर का जंगलः इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस बाघ की उम्र 4 से 6 साल के बीच बताई जा रही है। पिछले महीने इसने दो लोगों को मार डाला था। 9 अक्टूबर से ही इसकी तलाश की जा रही थी। करीब 872 किमी में फैले बांदीपुर जंगल राज्य के चामराजनगर जिले से करीब 220 किमी दूर बेंगलुरु के दक्षिण पश्चिम में है।
दूसरे हमले में बेहोश कर पकड़ाः अधिकारी के मुताबिक, ‘सोलिगा जनजाति के लोगों से मिले सुराग के आधार पर हाथी पर बैठे एक फॉरेस्ट गार्ड ने बाघ पर हमला किया था, लेकिन वह झाड़ियों में छुपकर बैठ गया। आदिवासियों ने उसे वहां से निकालने में भी मदद की। दूसरी बार हुए हमले में बाघ बेहोश हो गया, इसके बाद उसे आदिवासियों की मदद से ही जाल में पकड़ लिया गया।’ इसे पकड़ने के बाद पशु चिकित्सकों ने उसे एंटीडॉट दिया।