2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले के आरोपी पूर्व मेजर रमेश उपाध्याय जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व सैनिकों की सेल का राज्य संयोजक नियुक्त किया गया है। उनका नियुक्ति पत्र 12 अक्टूबर को यूपी जदयू प्रमुख अनूप सिंह पटेल द्वारा जारी किया गया था।

मालेगांव मामले में कथित भूमिका के लिए महाराष्ट्र एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के साथ सेवानिवृत्त सेना प्रमुख उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें 2017 में जमानत पर रिहा कर दिया गया। बम विस्फोट मामले में मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष ट्रायल जारी है।

उपाध्याय पुणे के रहने वाले हैं लेकिन उनकी पैदाइशी यूपी के बलिया की है। यहां से उन्होने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। इससे पहले, उन्होंने 2012 में, हिंदू महासभा के टिकट पर बलिया जिले के बैरिया से यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था।

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, उपाध्याय ने कहा, “यूपी में जेडीयू के सदस्यों ने मुझसे संपर्क किया था। चर्चा के बाद, मैंने पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया … मैं अब चुनाव लड़ने की योजना नहीं बना रहा हूं। मैं फिलहाल पुणे में रह रहा हूं, लेकिन पार्टी के काम के लिए यूपी की यात्रा करूंगा।”

उपाध्याय ने कहा कि वह जद (यू) के नेतृत्व और उनके विचार “”सामाजिक न्याय के साथ विकास” पर विश्वास करते हैं। अपने ऊपर लगे आतंकी आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उपाध्याय ने कहा, ” मैं निर्दोष हूं। मैं एक राष्ट्रवादी, देशभक्त और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं। मुझे मालेगांव बम विस्फोट मामले में झूठा फंसाया गया…. मैं अपने बरी होने का इंतजार कर रहा हूं। मैं समाज के लिए काम करना चाहता हूं। जेडीयू ईमानदारी से गरीबों और दलितों के विकास के लिए काम कर रहा है।”

यूपी में जेडीयू के महासचिव हरि शंकर पटेल ने कहा, “मेजर उपाध्याय पूर्व में दो बार यूपी से चुनाव लड़ चुके हैं। बलिया से हमारे जिला प्रमुख उपाध्याय को जानते थे और उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए कहा था। हम अदालतों और कानून का सम्मान करते हैं। उपाध्याय को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है।”

बता दें मालेगांव मामले की एक और आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल से 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था। वे वहां से चुनाव भी जीती हैं।