शिवसेना के कुछ नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को एक अमेरिकी कंपनी के विक्रोली स्थित ऑफिस में घुस गए। यहां उन्होंने कंपनी के स्टाफ को चेतावनी देते हुए कहा कि वे मुंबई के लिए जो भी पोस्ट भरना चाहते हों, उनमें स्थानीय लोगों को 80% आरक्षण मिलना चाहिए। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर कंपनी को एक ज्ञापन भी सौंपा। बताया गया है कि अमेरिकी कंपनी हरियाणा के गुड़गांव में वॉक-इन-इंटरव्यू शुरू करने वाली थी। इसे क्वालिफाई करने वाले छात्रों को मुंबई में नौकरी मिलनी थी। इसी बात पर शिवसैनिकों ने ऐतराज जताया।
महाराष्ट्र के बजट में स्थानीय नौकरियों में आरक्षण का वादाः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को ही राज्य का पहला बजट पेश किया। महाविकास अघाड़ी गठबंधन की तरफ से तय किए गए इस बजट में किसानों और युवाओं पर फोकस रखा गया। राज्य की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 80% आरक्षण देने की घोषणा भी की गई है। सरकार ने अगले 5 साल में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह 80 फीसदी आरक्षण का प्रावधान सिर्फ राज्य सरकार की नौकरियों के लिए है या फिर यह प्राइवेट कंपनियों में भी लागू होगा।
आंध्र प्रदेश-मध्य प्रदेश कर चुके हैं स्थानीय लोगों को नौकरी में आरक्षण देने का ऐलानः इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सीएम बनते ही ऐलान किया था कि वे स्थानीय लोगों को 75 फीसदी नौकरी दिलाएंगे। इसके लिए विधानसभा ने जुलाई में आंध्र प्रदेश एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट इन इंडस्ट्रीज/फैक्ट्रीज एक्ट 2019 को मंजूरी दी थी। इसके तहत प्रदेश में सभी प्रकार की इंडस्ट्रियल यूनिट्स, फैक्ट्रीज, संयुक्त उद्यम समेत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में चल रहे सभी प्रोजेक्ट में 75 फीसदी नौकरियां देने स्थानीय लोगों को देने का रास्ता साफ हो गया। आंध्र प्रदेश प्राइवेट नौकरियों में ऐसा करने वाला पहला राज्य है।
नए कानून में कहा गया है कि यदि कंपनियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित युवा नहीं मिलते हैं तो वे उन्हें प्रशिक्षण देकर नौकरी के लायक बनाएंगी। आंध्र प्रदेश के इस नए एक्ट के अनुसार कंपनियों को तीन साल में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को नौकरी देने का कार्य पूरा करना होगा।
9 जुलाई को मध्य प्रदेश ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 70 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी। दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी की घोषणा की थी, जिसमें प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 70 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी।