दो दिन पहले जारी हुए यूपीएससी परीक्षा 2015 के परिणाम में महाराष्‍ट्र के जालना के 21 साल के अंसार अहमद शेख ने पहले ही प्रयास में 361वीं रैंक हासिल की। अंसार के पिता ऑटो चलाते हैं। जालना जिले के शेडगांव के रहने वाले अंसार को पुणे में मुस्लिम नाम की वजह से किराए का घर नहीं मिला था। इसके चलते उन्‍होंने नाम बदलकर शुभम रखा था। इंडियन एक्‍सप्रेस ने यह खबर छापी थी।

अंसार ने बताया, ‘मुझे याद है जब मैं पीजी खोजने निकला था। मेरे हिंदू दोस्तों को आसानी से कमरे मिल गए, पर मुझे मना कर दिया गया। इसलिए अगली बार मैंने अपना नाम शुभम बताया, जो दरअसल मेरे दोस्त का नाम था। अब मुझे अपने असली नाम को छुपाना नहीं पड़ेगा।’ पारिवारिक स्थिति के बारे में अंसार ने बताया, ‘मैं गरीब परिवार और पिछड़े इलाके का रहना वाला हूं। मेरे पिता की तीन बीवियां हैं और मेरी मां उनकी दूसरी बीवी हैं। हमारे परिवार में पढ़ाई-लिखाई को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं दी जाती। छोटे भाई ने स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। दो बहनों की जल्दी शादी कर दी गई थी। जब मैंने घर पर फोन करके बताया कि मैंने यूपीएससी का एग्जाम पास कर लिया है और आईएएस अधिकारी बन सकता हूं, तो वे हैरान रह गए।’

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अपनी तैयारी के बारे में अंसार ने बताया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। 10वीं कक्षा को छोड़कर वे पूरी स्‍कूली शिक्षा के दौरान टॉपर रहे। तीन साल तक उन्‍होंने एक दिन भी छोड़े 10-12 घंटे पढ़ाई की। अंसार कहते हैं कि ऑफिसर बनने के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाना और गरीबों की मदद करना मेरा पहला काम होगा। उन्‍होंने कहा, ‘मैं छात्रों से पुछूंगा कि वे सिस्‍टम में क्‍यों आना चाहते हैं। एक बार जब उन्‍हें इस बात का जवाब मिल जाएगा तो रास्‍ता आसान हो जाएगा।

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