भूमाता ब्रिगेड की शक्ति देसाई गुरुवार (12 मई) को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच हाजी अली दरगाह पहुंचीं। हालांकि वह मजार समेत उन जगहों पर नहीं पहुंच सकीं जहां हाजी अली ट्रस्ट ने उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी। देसाई ने कहा, “मैंने दरगाह में महिलाओं को भी भीतरी कक्ष में प्रवेश दिए जाने के लिए इबादत की।” उन्होंने कहा कि उनकी यह सारी मेहनत लिंगभेद खत्म किए जाने को लेकर है।
देसाई ने कहा, “पुलिस ने इस बार हमारा सहयोग किया। अगली बार हम भीतरी कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे।” गौरतलब है कि पिछले महीने तृप्ति और उनकी महिला कार्यकर्ताओं ने दरगाह में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था। हालांकि अब तृप्ति ने कहा है कि हमने देखा कि हमें कहां तक जाने की इजाजत दी गई और पुरुषों को कहां तक जाने की इजाजत दी जाती है। यदि 15 दिन के भीतर ट्रस्टी हमें भीतर जाने की इजाजत नहीं देते हैं तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि हम धार्मिक नियमों के आधार पर महिलाओं को भीतर जाने नहीं दे सकते हैं क्योंकि यह इस्लाम के खिलाफ होगा। ट्रस्ट ने कहा कि एक बड़ा कारण यह भी है कि जो ट्रस्ट भीतर घुसने की इजाजत मांग रहा है वह अल्पसंख्यक वर्ग से है।