शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के नवी मुंबई में कार्यालय पर पथराव किया गया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि हमला अखबार में प्रकाशित एक कार्टून को लेकर हुआ है। दरअसल, मराठा समुदाय द्वारा निकाले गए ‘‘मौन जुलूस’’ के लिए अखबार में एक कार्टून प्रकाशित किया गया था। बाद में मराठा समर्थक सामाजिक संगठन ‘संभाजी ब्रिगेड’ ने हमले की जिम्मेदारी भी ले ली थी। पुलिस के मुताबिक तीन युवक वाहन से बुधवार (27 सितंबर) को दोपहर पौने दो बजे नवी मुंबई के सनपडा में सामना प्रिंटिंग प्रेस भवन पहुंचे। उन्होंने प्रेस के गार्ड को बुलाया और एक पत्र लेने का आग्रह किया। गार्ड जब उनकी ओर जाने लगा तो युवक गाड़ी से उतर गए और प्रेस भवन की ओर जाने लगे और कथित तौर पर पथराव कर वहां से भाग निकले। उन्होंने बताया कि हमले में भवन की बाहरी दीवार के दो-तीन शीशे टूट गए हैं। हमले के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सनपडा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई ।

संभाजी ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली और मुखपत्र में कार्टून प्रकाशित किये जाने की निंदा की। ब्रिगेड के प्रवक्ता शिवानंद भानुसे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम सामना में कार्टून प्रकाशित करने की निंदा करते हैं । शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और साामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत को महाराष्ट्र की महिलाओं से माफी मांगना चाहिए।’’

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गौरतलब है कि कोपर्डी बलात्कार-हत्याकांड में सख्त कार्रवाई सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर मराठा समुदाय राज्य के विभिन्न शहरों में पहले ही कई मार्च निकाल चुका है। अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए मराठा समुदाय के लोगों ने खारघर स्थित कोंकण संभागीय आयुक्त के कार्यालय तक मार्च निकाला और कोपर्डी बलात्कार कांड सहित कई मुद्दे उठाए। इस कांड में पीड़िता मराठा समुदाय से थी। रायगढ़ जिले के खारघर के सेंट्रल पार्क से शुरू हुआ ‘मूक मोर्चा’ बेलापुर स्थित कोंकण भवन तक गया। भारी बारिश के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने छह किलोमीटर का सफर तय किया। उनके हाथ में भगवा झंडे थे। मार्च का हिस्सा रहीं पांच लड़कियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बाद में कोंकण के संभागीय आयुक्त प्रभाकर देशमुख से मुलाकात की और सकल मराठा समाज की तरफ से एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बलात्कार कांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की। नवी मुंबई पुलिस ने बड़ी संख्या में अपने जवानों की तैनाती कर रखी थी ताकि किसी तरह के उपद्रव को रोका जा सके।