शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बीजेपी को अहम मोर्चे पर घेरने जा रहे हैं। शिवसेना का ये प्लान लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकता है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जल्द ही उत्तर प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। महाराष्ट्र और मुंबई की राजनीति करने वाले मराठा छत्रप मुंबई से कम ही बाहर निकलते हैं। इस लिहाज से उद्धव के इस कदम को बड़ा सियासी फैसला माना जा रहा है। इससे भी चौकाने वाली बात यह है कि उद्धव पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे, इसके बाद शिवसेना सुप्रीमो अयोध्या जाएंगे। भगवान राम की जन्मभूमि होने की वजह से अयोध्या का सियासी दौरा भारत की राजनीति में काफी महत्व रखता है। दरअसल शिवसेना राम मंदिर के मुद्दे पर लगातार बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला कर रही है। शिवसेना का कहना है कि कुर्सी मिलने के बाद बीजेपी राम को भूल गई है।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की वहां राममंदिर का निर्माण कब होगा, लेकिन उनकी इच्छा है कि वे वहां जाकर आएं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे वहां के शिवसैनिकों और हिन्दुओं के लिए वहां जाना चाहते हैं। राष्ट्रवाद के मुद्दे उद्धव ठाकरे ने कहा था कि बीजेपी के पास यह फैसला करने का हक नहीं है कि कौन राष्ट्रवादी हैं और कौन नहीं।
Uddhav ji said he’ll visit Ayodhya, address rally&later visit Varanasi, he’ll participate in Ganga Aarti&offer prayers at Kashi Vishwanath Temple. It’s a small event. There’s nothing more to it: S Raut on Uddhav Thackeray’s posters put up by party leader Milind Narvekar in Mumbai pic.twitter.com/3rALKwtEkb
— ANI (@ANI) July 26, 2018
उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे को लेकर मुंबई में पोस्टर्स भी लग गये हैं। इस पोस्टर्स में वाराणसी और अयोध्या के लोगों से उद्धव ठाकरे का साथ देने की अपील की गई है। हालांकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ये एक छोटा सा कार्यक्रम है। इस दौरे के बारे में उन्होंने जानकारी दी, “उद्धव जी ने कहा है कि वे अयोध्या जाएंगे, रैली को संबोधित करेंगे, और बाद में वाराणसी जाएंगे, वो गंगा आरती में शिरकत करेंगे, और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे, यह एक छोटा सा कार्यक्रम है, और कुछ नहीं।” फिलहाल उद्धव ठाकरे के इस घोषणा पर महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश में चर्चाओं का बाजार का गर्म है।