भारत की पहली मेट्रो रोलिंग स्टॉक मैनुफैक्चरिंग यूनिट नागपुर में 1,500 करोड़ रुपए की लागत से लगाई जाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए चीन रेलवे स्टॉक कॉर्पोरेशन (CRRC) के साथ एमओयू साइन किया है। इस निवेश से 5,000 राेजगार संभावनाएं पैदा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस का गृह जिला और महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी, नागपुर सबसे बड़े मेट्रो कोच मैनुफैक्चरिंग सेंटर्स में से एक होगा, जिसकी सेवाएं पुणे और मुंबई को भी मिलेंगी। चीनी फर्म नागपुर मेट्रो के लिए 69 कोच उपलब्ध कराएगी। सरकार ने अंदेशा जताया है कि मेट्रो का करीब 65 प्रतिशत हिस्सा सोलर एनर्जी से चलेगा, जिसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। CRRC इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स और मेट्रो व्हीकल्स के मामले में चीन की सबसे बड़ी रिसर्च और उत्पादन कंपनी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”पिछले डेढ़ सालों में, नागपुर मेट्रो के लिए बुनियादी ढांचा बनाने का काम बेहद महत्वपूर्ण था। मेट्रो स्टेशनों पर वाई-फाई कनेक्शन, टेलिविजन सेट्स, ऑनबोर्ड अनाउंसमेंट्स जैसी कई सुविधाएं होंगी।” उन्होंने बताया कि नागपुर में लगने वाली मैनुफैक्चरिंग यूनिट पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट को पूरा करने में भी अहम भूमिका अदा करेगी, जिसे केन्द्र सरकार ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
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एक साल पहले, अपनी चीन यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया और मेक इन महाराष्ट्र पहल के तहत, मुख्यमंत्री ने CRRC को नागपुर में मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाने की संभावनाएं तलाशने का न्योता दिया था। फणनवीस ने कहा कि नागपुर की भौगोलिक स्थिति और जमीन की उपलब्धता आधारभूत ढांचों की संभावनाओं के साथ मिलकर निवेशकर्ताओं के लिए आदर्श बन जाती है। उन्होंने कहा, ”नागपुर में मैनुफैक्चरिंग यूनिट इसके बाजार और भारत में मेट्रो कोचेज की मांग को बढ़ाएगा। मेट्रो रेल सेवाएं यात्रा को परेशानीमुक्त, आरामदायक और वक्त बचाने वाला बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।