मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री छगन भुजबल और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में शुक्रवार की देर रात चेंबूर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-6 कर रही है।
पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर छगन भुजबल और दो अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 506 (2) (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि छगन भुजबल को दो वीडियो फॉरवर्ड करने के लिए उन्हें धमकी दी गई थी, जिसमें भुजबल ने कथित तौर पर हिंदू धर्म के खिलाफ बात की थी।”
पीड़ित व्यापारी टेकचंदानी ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि उसने छगन भुजबल को दो वीडियो भेजे थे, जिसमें भुजबल ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए भाषण दिया था। वीडियो भेजने के तुरंत बाद व्यापारी को वॉट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए धमकी मिलने लगी, जिसमें उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया।
शिकायतकर्ता टेकचंदानी ने बताया कि धमकी देने वालों ने कहा कि तुमने भुजबल साहब को मैसेज भेजा है। अब हम तुम्हारे घर आकर तुम्हें गोली मार देंगे। दुबई के लोगों को तुम्हारे पीछे छोड़ दूंगा। भुजबल साहब को संदेश भेजने पर पछतावा होगा।
महाराष्ट्र में समाज सुधारक महात्मा फुले द्वारा गठित सत्यशोधक समाज के गठन के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भुजबल ने कहा था, “सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहू महाराज, कर्मवीर भाऊराव पाटिल और बाबासाहेब अंबेडकर जैसे समाज सुधारकों के चित्र स्कूलों में प्रदर्शित किए जाएं। इन समाज सुधारकों के बजाय स्कूलों में देवी सरस्वती और शारदा के चित्र प्रदर्शित किए जाते हैं। हमने उन्हें नहीं देखा है और उन्होंने हमें कुछ भी नहीं सिखाया है। अगर उन्होंने पढ़ाया है तो 3 फीसदी लोगों ने हमें (शिक्षा से) दूर रखा। हमें उनके सामने प्रार्थना क्यों करनी चाहिए?”