महाराष्ट्र में दो मस्जिदों के खिलाफ लाउडस्पीकर को लेकर केस दर्ज किया गया है। दरअसल इन दोनों मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर संबंधित नियमों का पालन नहीं किया गया जिसके कारण मुंबई पुलिस ने यह कार्यवाही की। मुंबई पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाते हुए सभी को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी है। साथ ही लाउडस्पीकर की आवाज तय डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मुंबई पुलिस ने मस्जिदों के ट्रस्टियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बांद्रा की नूरानी मस्जिद के ट्रस्टी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। तो वहीं पर सांताक्रूज में मौजूद कब्रिस्तान मस्जिद के ट्रस्टियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों ही मस्जिदों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है। ऐसा इनपर आरोप लगा है।
मुंबई के बांद्रा की नूरानी मस्जिद में एक नहीं बल्कि 2 बार कानून का उल्लंघन किया गया। दरअसल सुबह की अजान भी लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में की गई और इसके बाद दोपहर की अजान भी लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में पढ़ी गई। इसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लाउडस्पीकर को अपने कब्जे में ले लिया और मस्जिद के ट्रस्टियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। एक रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद के ट्रस्टियों ने अपनी गलती को स्वीकार भी कर लिया है।
मुंबई पुलिस ने नूरानी मस्जिद के 28 वर्षीय अनवर मोहम्मद शाह शबीर और सांताक्रुज के कब्रिस्तान मस्जिद के 30 वर्षीय आरिफ मोहम्मद और 30 वर्षीय मोहम्मद शोएब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अनवर ने कबूल भी किया है कि ट्रस्टियों द्वारा निर्देश का पालन करने को कहा गया था लेकिन उसके बावजूद लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ी गई।
लाउडस्पीकर विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि सभी मस्जिदों पर से 3 मई तक लाउडस्पीकर को हटवा ले। वर्ना मनसे के कार्यकर्ता सभी मस्जिदों के सामने तेज आवाज में हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। राज ठाकरे के बयान के बाद महाराष्ट्र में काफी विवाद हुआ और उसके बाद पुलिस हरकत में भी आई।