महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना कई सालों से एक दूसरे के हमसफर थे। लेकिन राहें जुदा हुईं तो एक दूसरे की शक्ल तो देखना दूर की बात नुकसान पहुंचाने का कोई मौका दोनों ही तरफ से जाया नहीं किया जा रहा। बात चाहें देवेंद्र फडणवीस की हो या फिर राणे पिता-पुत्र की। दोनों तरफ से लगातार हमले किए जा रहे हैं। ताजा मामले में शिवसेना की अगुवाई वाली बीएमसी ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बंगले को अवैध घोषित कर तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

बीएमसी ने राणे को नोटिस देकर कहा है कि 15 दिनों के वक्त में वो खुद अवैध निर्माण को अपने घर से हटा दें। नहीं तो कारपोरेशन खुद ये काम करेगी। राणे का ये बंगला जूहू में है। बंगले में अवैध निर्माण की शिकायत बीएमसी से की गई थी। इसके बाद ही कारपोरेशन हरकत में आई।

उधर, नारायण राणे का कहना है कि बीएमसी उद्धव ठाकरे के इशारे पर बदले की कार्रवाई कर रही है, क्योंकि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के साथ दिशा सालियान के मसला उठाया था। बीएमसी में शिवसेना की हुकूमत है। राणे का कहना है कि उद्धव सरकार उन्हें दबाने के लिए ऐसा कर रही है।

गौरतलब है कि राणे उद्धव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी तक कर चुके हैं। उन्होंने सीएम को थप्पड़ मारने तक की बात कही थी। उसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ तो वो अरेस्ट भी हुए थे। राणे के पुत्र नीतेश भी शिवसेना से गुत्थम गुत्था होने का कोई मौका नहीं छोड़ते। असेंबली के भीतर जा रहे आदित्य ठाकरे को वो मियाऊं कहकर बुलाने पर विवाद में आए थे।

वैसे भी महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का बीजेपी से आंकड़ा लगातार 36 का बनता जा रहा है। पहले सुशांत सिंह राजपूत का मामला दोनों के बीच तनाव की वजह बना तो उसके बाद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को लेकर दोनों आमने सामने आ गए। मसला चाहें अनिल देशमुख का हो या फिर नवाब मलिक। दोनों के संबंध बहुत खराब हो चले हैं। उद्धव सरकार बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाती है तो बीजेपी भी पलटवार करने से नहीं चूकती।