महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर के बीच शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार (30 जून 2022) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। वहीं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शिंदे के शपथ ग्रहण के बाद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा कि लोकतंत्र हवा में चला गया है और इस देश में जनता को गूंगा, बहरा और अंधा बना दिया गया है।

आजम खान ने गुरुवार को कहा, “जो रामपुर में हुआ, जो महाराष्ट्र में हुआ, मुझे ऐसी राजनीति नहीं दिखती क्योंकि मैं अंधा हूं। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मैं गूंगा हूं, सुन नहीं सकता क्योंकि मैं बहरा हूं। क्या बोलूं इस तरह के लोकतंत्र में, जब आम लोगों को बहरा, गूंगा और अंधा होने के लिए मजबूर किया जाता है। हम केवल इस पर दुखी हो सकते हैं।”

बेगुनाह को मारना इस्लाम में जायज नहीं: नई शिवसेना और भाजपा गठबंधन सरकार के बारे में पूछे जाने पर सपा नेता ने कहा, “हम बस देखेंगे। महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति के लिए जिम्मेदार लोग ही लोगों को जवाब देंगे।” वहीं, उदयपुर हत्याकांड पर बात करते हुए आज़म खान ने कहा कि किसी बेगुनाह को मारना इस्लाम में जायज नहीं है। उन्होंने कहा, “इस्लाम की निगाह में किसी बेगुनाह का कत्ल पूरी मानवता के कत्ल के बराबर है और किसी बेगुनाह को बचा लेना पूरी मानवता को बचा लेने के बराबर है।”

हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते: सपा नेता ने आगे कहा, “इस्लाम में इसके लिए कोई जगह नहीं है। इस पर केवल अफसोस और मातम किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “जो कुछ भी हमारे प्रोफेट के खिलाफ हो रहा है वो दरअसल उनके बारे में जानते नहीं, उनकी तालीम के बारे में नहीं जानते। वो उस पैगाम के बारे में भी नहीं जानते जो प्रोफेट ने दिया।” आजम खान ने कहा कि ऐसी किसी चीज की हिमायत करना तो दूर हम इसे बर्दाश्त भी नहीं कर सकते।

वहीं, दूसरी ओर शिवसेना महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई को कानूनी दांव-पेच के सहारे आगे ले जाना चाहती है। शुक्रवार को शिवसेना के व्हिप सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को उनकी अयोग्यता की कार्रवाई तय होने तक विधानसभा से निलंबित करने की मांग की थी। इस अपील में कहा गया था कि सभी बागी विधायकों के विधानसभा में प्रवेश करने पाबंदी लगे। जिस पर कोर्ट ने तुरंत मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया।