Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने मुंबई अंधेरी ईस्ट चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव-बालासाहेब ठाकरे) का नाम अलॉट किया है। वहीं उद्धव की पार्टी को ‘जलती मशाल’ नया चुनाव चिन्ह मिला है। इस बीच असली शिवसेना को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच चल रहे संग्राम से राज ठाकरे ने खुद को दूर रखा है।
मीडिया में कुछ भी बोलने से बचें:
बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे पर मीडिया से बात नहीं करें। इसके साथ ही राज ठाकरे ने पार्टी नेताओं से इस मामले में सोशल मीडिया पोस्ट नहीं करने का निर्देश दिया है। बता दें कि राज ठाकरे शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के भतीजे हैं।
2005 में हुए थे शिवसेना से अलग:
राज ठाकरे ने 2005 में अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मतभेदों के चलते शिवसेना छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) की स्थापना की।
शिंदे गुट फिर से भेजेगा चुनाव चिन्ह की नई लिस्ट:
चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना का नाम दिये जाने के फैसले पर एकनाथ शिंदे ने एक ट्वीट में इसे बालासाहेब ठाकरे के विचारों की जीत बताया है। हालांकि शिंद गुट को अभी नया चुनाव चिन्ह नहीं मिला है। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह की नई लिस्ट भेजने को कहा है।
11 अक्टूबर तक भेजना होगा प्रस्ताव:
इससे पहले शिंदे गुट ने चुनाव चिन्ह के तौर पर गदा, उगता सूरज और त्रिशूल के नाम सुझाए थे। अब शिंदे गुट को 11 अक्टूबर तक फिर से सिंबल के लिए नया प्रस्ताव भेजना होगा।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कही ये बात:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, “आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिंदुत्ववादी विचारों की जीत हुई। हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं।” भारत चुनाव आयोग ने आज शिवसेना के शिंदे गुट को ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ नाम आवंटित किया।