महाराष्ट्र का सियासी संग्राम अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा गया है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने फॉर्म भेजकर शिवसैनिकों से राय मांगी है। मराठी में लिखे इस फॉर्म में शिवसैनिकों से 8 सवाल पूछे गए हैं और मौजूदा सियासी संकट पर उनसे राय मांगी गयी है।
सीएम ठाकरे ने ऑनलाइन फॉर्म भेजकर शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि वो उनके साथ हैं या एकनाथ शिंदे के? इसके अलावा शिवसैनिकों से पूछा गया कि वो कितने साल से शिवसेना के साथ हैं? एक सवाल में उनसे पूछा गया कि क्या इस समय पार्टी में जो गदर मची है उसे देखकर उन्हें लगता है कि शिवसेना खत्म हो जाएगी?
सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई: वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में कोर्ट ने एकनाथ शिंदे के वकील से पूछा कि हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इसके जवाब में शिंदे के वकील ने कहा कि मुंबई में 40 विधायकों को मारने की धमकी दी गई। मुंबई में माहौल अनुकूल नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों के विभागों को दूसरे मंत्रियों को दे दिया है।
बागी मंत्रियों के मंत्रालय छीने: इस सबके बीच सीएम उद्धव ने बागियों पर कड़ा एक्शन लेते हुए 9 बागी मंत्रियों के मंत्रालय छीने लिए हैं। सुभाष देसाई को एकनाथ शिंदे के विभाग का प्रभार दिया गया है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि मंत्रियों के न होने से सरकार व प्रशासन का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे का कहना है कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है। शिवसेना विधायक दल के 39 सदस्यों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है। लिहाजा उद्धव सरकार का कोई मतलब नहीं है।
इस घमासान के बीच एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “हिंदू हृदय सम्राट वंदनीय बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना कैसे उसका समर्थन कर सकती है, जिनका दाऊद से सीधा संबंध है और जिन्होंने मुंबई बम विस्फोट करके निर्दोष मुंबईकरों को मार डाला? इसके विरोध में उठाया गया हमारा कदम है। इससे बेहतर मर जाना ही अच्छा है। अगर हिंदुत्व की विचारधारा का पालन करने के लिए हमें मरना भी पड़े, तो हम इसे अपनी नियति मानेंगे।”