महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाडा थाना क्षेत्र एक युवक ने अपने चचेरे भाई की हत्या कर लाश शौचालय की टंकी में डाल दिया। दो दिन बाद पुलिस से उसके लापता होने की बात कही। कई महीने लंबी जांच के बाद तीन साल बाद टंकी से उसका कंकाल मिला। पुलिस ने आरोपी युवक को केरल से गिरफ्तार कर लिया है। कई साल पहले दोनों असम से यहां नौकरी करने के लिए आए थे।
दोनों फॉर्महाउस में काम करते थे : वाडा थाने के उसर इलाके में फकरुद्दीन खान चितलवाला का एक फार्म हाउस है। इसमें असम का रहने वाला अमिनुल हक मोहम्मद मुनताज अली वॉचमैन था। इसी के बगल में एक अन्य फार्म हाउस में उसका चचेरा भाई सुई मंसूर मोहम्मद अकबर अली काम करता था। दोनों एक साथ खाना बनाते और साथ में खाया-पीया करते थे। करीब तीन साल पहले एक दिन दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इससे नाराज मंसूर ने 28 दिसंबर 2016 को अमिनुल की हत्या कर दी। खुद को बचाने के लिए उसने लाश को वहीं के शौचालय की टंकी में डाल दिया।
पुलिस का शक सही साबित हुआ : दो दिन बाद वह पुलिस स्टेशन पहुंचा और अमिनुल के गायब होने की तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को शक मंसूर पर ही था। वह अपनी जांच उसी पर फोकर कर आगे बढ़ रही थी। इस बीच पुलिस की जांच में पता चला कि मृतक की उम्र 17 साल थी। बाद में पुलिस ने 17 मार्च 2017 को अमिनुल के लापता होने की बजाए मामले में अपहरण का केस दर्ज किया। पुलिस ने केस पालघर एटीएस को सौंप दी।
आठ महीने की कड़ी मेहनत से खुला राज : आठ महीने तक कड़ी मेहनत के बाद टीम को मामले में मंसूर के शामिल होने का पुख्ता सबूत हाथ लगा। पुलिस उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लेकिन वह महाराष्ट्र से फरार हो गया था। गुप्त सूचना पर पुलिस की एक टीम केरल पहुंची तो वहां से उसे पकड़ लिया और उसको पालघर लाया गया। उसकी निशानदेही पर शौचालय की टंकी से अमिनुल का कंकाल भी बरामद कर लिया गया।

