मुंबई में ड्रग्स केस आने और एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े विवाद की जांच शुरू होने के बाद से यह मुद्दा दो राजनीतिक दलों के बीच गंभीर मोड़ लेता जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक तथा पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच अब आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने का आरोप लगाया है। हालांकि दोनों नेता खुद को पाक साफ बता रहे हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सरकारी बोर्डों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को नियुक्त करके जब्त किए गए नकली नोटों के मामले में पर्दा डालने और ‘राजनीति का अपराधीकरण’ करने का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए, मलिक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आने वाले दिनों में “और बम गिराए जाने हैं” और वह इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ सबूत देंगे। मलिक के लगाए नए आरोपों पर भाजपा नेता फडणवीस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
मलिक ने मंगलवार को कहा था कि वह एक ‘हाइड्रोजन बम’ गिराएंगे और फडणवीस के कथित अंडरवर्ल्ड संबंधों का खुलासा करेंगे। फडणवीस ने मंगलवार को मलिक, उनके परिवार के सदस्यों और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के दो दोषियों से जुड़े एक संदिग्ध भूमि सौदे का आरोप लगाया था, जिसे मंत्री ने खारिज कर दिया था।
बुधवार को राकांपा मंत्री ने कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद अन्य राज्यों में नकली नोटों को जब्त किया गया था, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा एक भी मामला नहीं था। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे।
मलिक ने कहा कि 8 अक्टूबर, 2017 को राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से 14.56 करोड़ रुपये के नकली नोट जब्त किए, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने मामले को रफादफा करने में मदद की। जब्त की गई राशि को बाद में 8.8 लाख रुपये के मूल्य के साथ दिखाया गया था।’ मलिक ने पूछा कि मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को क्यों नहीं सौंपा गया।
उन्होंने कहा, “संयोग से, समीर वानखाड़े (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी जिनके खिलाफ मलिक ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं) उस समय डीआरआई के संयुक्त निदेशक थे।” मलिक ने कहा कि मामले में एक इमरान आलम शेख को गिरफ्तार किया गया है। मंत्री ने दावा किया कि बाद में उनके भाई हाजी अरफात शेख को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि फडणवीस ने कई राज्य बोर्डों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि नागपुर के मुन्ना यादव को हत्या जैसे आपराधिक आरोपों के बावजूद महाराष्ट्र निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है।
मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस ने एक ऐसे व्यक्ति को शरण दी, जिसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी थी। मलाड पुलिस ने मामले की जांच करने की कोशिश की तो उन पर दबाव बनाया गया। मंत्री ने आरोप लगाया, “फडणवीस ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को सरकारी पदों पर नियुक्त करके राजनीति के अपराधीकरण का सहारा लिया।”
29 अक्टूबर को सहार एयरपोर्ट पर जाली पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया रियाज भाटी, जिस पर दाउद इब्राहिम और दूसरे अन्य गैंग के साथ होने की खबरें सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी थीं। पूरा शहर जानता था कि रियाज भाटी कौन है। डबल पासपोर्ट के साथ वह पकड़ा गया और दो दिन में छूट गया, यह फडणवीस के हाथ रखने से संभव हुआ। पूछा कि रियाज भाटी लगातार आपके साथ सभी कार्यक्रमों में क्यों रहता था। वह भाजपा के सभी कार्यक्रमों में नजर आता था?
उन्होंने कहा कि हम देश के प्रधानमंत्री पर आरोप नहीं लगाना चाहते हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कोई शामिल हो तो उसकी पूरी स्कैनिंग किए बिना अनुमति नहीं मिलती है। रियाज भाटी को अनुमति कैसे मिल गई। यह एक गंभीर मुद्दा है।
मलिक और फडणवीस अंडरवर्ल्ड से जुड़ाव के आरोप में एक दूसरे को निशाना बनाते रहे हैं. दोनों ने अंडरवर्ल्ड से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। मंगलवार को फडणवीस ने कहा कि मलिक और उनके परिवार के सदस्य एक कंपनी का हिस्सा थे, जिसने कुछ फर्जी दस्तावेज बनाकर मुंबई के कुर्ला इलाके में बहुत कम दर पर जमीन खरीदी थी।
मलिक ने पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ बाद की तस्वीर ट्वीट करके एक कथित नशीले पदार्थ डीलर के साथ भाजपा को जोड़ने की मांग की थी। पूर्व सीएम ने तब कहा था कि वह दीवाली के बाद मलिक के ‘अंडरवर्ल्ड लिंक’ के बारे में खुलासे करेंगे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ इसके ‘दस्तावेज और सबूत’ भी साझा करेंगे। (पीटीआई से इनपुट के साथ)