महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा भयंदर शहर में प्रस्तावित प्रदर्शन रैली से पहले पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। मीरा भयंदर में उस समय तनाव व्याप्त हो गया जब पुलिस ने मराठी एकीकरण समिति द्वारा प्रस्तावित रैली में भाग लेने के लिए एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को घेर लिया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रैली के लिए अनुमति दी गई थी जिसमें मनसे नेताओं के भाग लेने की योजना थी लेकिन पार्टी ने एक खास मार्ग पर जोर दिया जिससे कानून व्यवस्था की चुनौतियां पैदा हो गईं। फडणवीस ने कहा, “मैंने पुलिस से पूछा कि एमएनएस के विरोध मार्च के लिए अनुमति क्यों नहीं दी गई। मुझे बताया गया कि वे एक ऐसे मार्ग पर अड़े हुए थे जिससे संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती थी। पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें कुछ लोगों के बारे में जानकारी मिली थी जो कुछ अन्य गतिविधियों में शामिल होना चाहते थे।
सीएम ने कहा, “पुलिस ने उनसे बार-बार मार्ग बदलने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया इसलिए अनुमति नहीं दी गई।” उन्होंने बताया कि पुलिस हमेशा विरोध प्रदर्शन करने वालों को निर्देश देती है कि कोई यातायात समस्या या भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो वे अपना मार्ग बदल लें।
फडणवीस ने कहा कि विरोध मार्च निकालने की अनुमति किसी को भी दी जा सकती
फडणवीस ने कहा कि विरोध मार्च निकालने की अनुमति किसी को भी दी जा सकती है लेकिन अगर कोई अपनी शर्तों पर इसे निकालना चाहता है और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ना चाहता है तो यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें एक ही राज्य में रहना है। अगर सामान्य रास्ता अपनाया जाता है तो अनुमति दी जाएगी।
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मनसे कार्यकर्ता गिरफ्तार
वहीं, राज्य के मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि यह सरकारी निर्देशों के अनुरूप नहीं है। महिलाओं सहित कई मनसे कार्यकर्ताओं को पुलिस वैन में भरकर ले जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं, लेकिन हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मोर्चे की अनुमति नहीं देने के लिए उसकी आलोचना की। पुलिस ने प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए कई कार्यकर्ताओं को एक बैंक्वेट हॉल के अंदर बंद भी कर दिया। मनसे की ठाणे इकाई के प्रमुख रवींद्र मोरे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें ‘बैंक्वेट हॉल’ के अंदर हिरासत में रखे गए कार्यकर्ता दिख रहे हैं। वीडियो में कई कार्यकर्ता सरकार की निंदा वाले नारे लिखी काले रंग की तख्तियां लिए हुए नजर आ रहे हैं।
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मीरा भयंदर शहर में भारी पुलिस बल तैनात
मोरे ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘‘हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया। यह लोकतंत्र नहीं है।’’ सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं के मुंबई महानगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया था। एक अधिकारी ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन कार्रवाई की गई थी लेकिन उन्होंने हिरासत केंद्र के रूप में ‘बैंक्वेट हॉल’ के इस्तेमाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मीरा भयंदर शहर में भारी पुलिस बल तैनात है क्योंकि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच, राज्य के मंत्री और शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने मोर्चा पर रोक लगाने के लिए पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई अनुचित है और किसी भी सरकारी निर्देश के अनुरूप नहीं है। सरनाईक ने ठाणे में पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। सरकार ने मराठी हितों के समर्थन में शांतिपूर्ण मोर्चा को दबाने के लिए ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(भाषा के इनपुट के साथ)