महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि लोगों के हाथों में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली हथियार है लेकिन वह लोगों का विकास की गाथा से ध्यान भटका सकता है। वह गत रात यहां मंत्रालय और विधिमंडल वार्ताहार संघ द्वारा आयोजित पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। अपने भाषण में उन्होंने सोशल मीडिया और मोबाइल इंटरनेट द्वारा पैदा होने वाली बाधा पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया लोगों के हाथों में एक शक्तिशाली हथियार है लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है कि इसमें समाज के विकास की कथा, विकास पर जारी विमर्श से ध्यान भटकाने की खामी भी है।’’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में पूरे समाज का ध्यान आम जनता के सामने पेश होने वाले मुद्दों और समस्याओं से भटकाने की भी जबरदस्त ताकत है।

राव ने कहा, ‘‘पहले खबरें पाठकों तक पहुंचने से पहले पत्रकारों के पास पहुंचती थीं। आज खबरें कई बार पत्रकारों तक पहुंचने से पहले सीधे लोगों तक पहुंचती हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे लोगों को अपुष्ट खबरें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि झूठ और उकसाने वाली खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है जिससे सामाजिक सौहार्द्र, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति और देश की एकता पर विपरीत असर पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के खगड़िया जिला में पदस्थापित एक पुलिस निरीक्षक को सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी करने पर निलंबित कर दिया गया है। मुंगेर प्रमंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक विकास वैभव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक ह्वाट्सऐप ग्रुप में कथित टिप्पणी को लेकर खगड़िया टाउन थाना के पूर्व पुलिस निरीक्षक मोहम्मद इस्लाम अंसारी को बुधवार को निलंबित कर दिया।

वैभव ने निलंबन का आदेश खगड़िया के पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी को देते हुए कहा है कि उक्त पुलिस निरीक्षक का यह कृत्य बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2006 के खिलाफ है। अंसारी का गत 6 जनवरी को बगहा पुलिस जिला में स्थानांतरण कर दिया गया था, जिसे निरस्त करते हुए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। अंसारी ने जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के ह्वाट्सऐप ग्रुप पर अपने मोबाइल नंबर से प्रधानमंत्री मोदी की पाक आतंकवादी हाफिज सईद के साथ एक तस्वीर डाली थी, जिसमें यह लिखा गया था, देखो कौन कितना बड़ा देशभक्त है। असली देशद्रोही खुद हैं।