महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन पर चल रही राजनीति आज तेज हो गई। शिवसेना के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इसी बीच शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सिर्फ ‘असली’ किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को लेकर सरकार के प्रस्ताव का मजाक बनाया। पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा, ‘‘ये किसान कौन हैं? क्या आपके मंत्रालय में कोई असली किसान है?’’
मंत्रिमंडल बैठक में शिवसेना के मंत्रियों की अनुपस्थिति पर वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार (भाजपा) ने कहा, शिवसेना के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल बैठक का बहिष्कार नहीं किया बल्कि इसमें शामिल न होने की अनुमति मांगी थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें अनुमति दे दी।

राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल (भाजपा) ने कहा, ‘‘यह कहना सही नहीं है कि शिवसेना के मंत्री मंत्रिमंडल बैठक के लिए आए और गुस्से में आकर चले गए। शिवसेना के मंत्री बैठक में आए थे और उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि उद्धव ठाकरे यहां मुंबई में नहीं हैं और जब तक वे शिवसेना अध्यक्ष के साथ बात नहीं कर लेते, तब तक मंत्रिमंडल बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

परिवहन मंत्री दिवाकर राउते (शिवसेना) ने कहा कि उनकी पार्टी के मंत्री मंत्रिमंडल बैठक में शामिल नहीं हुए। शिवसेना के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल बैठक से पहले उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के आधिकारिक आवास पर बैठक की थी। इसी बीच हड़ताल कर रहे किसानों ने मजलगांव से भाजपा के विधायक आर टी देशमुख के घर के बाहर ताला लगा दिया। ‘ताला लगाओ’ विरोध प्रदर्शन के बाद सत्ताधारी पार्टी के विधायकों और सांसदों के घरों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सोलापुर बरशी में पूर्व राज्य मंत्री दिलीप सोपाल ने किसानों के आंदोलन के प्रति समर्थन जताने के लिए अपने मकान पर ताला लगा दिया।