महाराष्ट्र विधानमंडल के बुधवार से शुरू हुए बजट सत्र में राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने घोषणा की कि राज्य में भाजपा की अगुआई वाली सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों के बीच 2536 करोड़ रुपए वितरित किए हैं। राव ने दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य लगातार चौथे साल सूखे का सामना कर रहा है। वर्तमान खरीफ मौसम में करीब 15750 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 3049 करोड़ रुपए की राहत सहायता मंजूर की है।

यह महाराष्ट्र के लिए अब तक की सबसे बड़ी केंद्रीय सहायता है। मेरी सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों के बीच अब तक 2536 करोड़ रुपए वितरित किए हैं। उन्होंने कहा- मेरी सरकार ने उन लोगों को राहत सहायता देने का फैसला किया है जिनकी फसलोंं और मकानों को 2015 में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान पहुंचा। केंद्र सराकर ने राज्य आपदा राहत कोष के तहत राहत सहायता नियम संशोधित किए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली अप्रैल, 2015 से वित्तीय सहायता में वृद्धि संंबंधी नियम अपनाए हैं। मेरी सरकार ने उन किसानों के फसल कर्ज पर तीन महीने का ब्याज माफ करने का भी फैसला किया है जिनकी फसलें नवंबर-दिसंबर, 2014 और फरवरी-मार्च, 2015 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो गईं। राव ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बार-बार फसलों के नष्ट होने पर विचार करते हुए मेरी सरकार ने फसल कर्ज के पुनर्निर्धारण का फैसला किया, कर्ज पर ब्याज माफ किया, कर्ज अदायगी पर स्थगन लगाया।

इन फैसलों के कारण बैंकों ने 3500 करोड़ रुपए के फसल कर्ज को मध्यम अवधि कर्ज में तब्दील किया, जिससे करीब 5.5 लाख किसान लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मदद पहुंचाने के लिए वर्तमान बिजली बिल का 33 फीसद माफ कर दिया गया।

कृषि संजीवनी योजना, पानी संजीवनी योजना शुरू की गई जिनसे स्थानीय निकायों की 50 हजार पेयजल योजनाएं लाभान्वित होंगी। उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि में जान फूंकना राज्य के समक्ष बहुत बड़ी चुनौती है। वर्षा जल की हर बंूद का संरक्षण और उसका कृषि के लिए बुद्धिमतापूर्वक उपयोग समय की मांग है। उन्होंने इस बारे में कई योजनाआेंं की जानकारी दी।