महाराष्ट्र में सरकारी कामकाज में एक बड़ी भूल सामने आई है। यहां राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दस्तखत की हुई फाइल से छेड़छाड़ हुई है। छेड़छाड़ भी ऐसी की फाइल जिस मामले में थी उसका ऑर्डर ही पलट गया। मामला संज्ञान में आने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मरीन ड्राइव थाने में फर्जीवाड़े के तहत केस दर्ज किया है।
दरअसल सीएम ठाकरे ने PWD के सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश के संबंध में एक फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। मगर दस्तखत पर लाल स्याही लगा दी गई और फर्जी टिप्पणी कर लिखा गया कि जांच बंद होनी चाहिए। डीसीपी जोन-1 शशिकुमार मीणा ने बताया- मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
घटनाक्रम पर एक वरिष्ठ नौकरशाह ने बताया कि मुख्यमंत्री के साइन बहुत शक्तिशाली होते हैं। ये वरिष्ठ अधिकारियों और विभाग के मंत्री द्वारा जांच किए गए प्रमुख निर्णयों पर अंतिम सहमति है। सीएम के साइन करने के बाद करोड़ों की राशि जारी की जा सकती है। मुख्यमंत्री द्वारा साइन की गई इस फाइल के साथ छेड़छाड़ में बड़े निहितार्थ जुड़े हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस केस में पूर्व की भाजपा नीत सरकार ने कुछ समय पहले जेजे स्कूल ऑफ आर्ट बिल्डिंग में किए गए काम में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए कई PWD इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की थी। बताया गया कि जिन इंजीनियरों के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई उनमें तब के कार्यकारी इंजीनियर नाना पवार भी थे जो वर्तमान में सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर हैं।
उल्लेखनीय है कि महाविकास अघाड़ी के सत्ता में आने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने इस जांच का समर्थन किया और इसे उनकी सहमति के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था।