महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की तस्वीर पिछले कुछ सालों में बदली है। अब गढ़चिरौली जिले के मरकानार गांव में पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू की गई है। इसमें स्थानीय लोगों ने भी काफी सहयोग किया, जिससे हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी। गढ़चिरौली जिले के अबूझमाड़ की तलहटी में बसे मरकनार के निवासियों के लिए सालों से इस पल का इंतजार था। यहां पर आजादी के बाद अब तक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं थी।
आजादी के बाद पहली बार शुरू हुई बस सेवा
आज़ादी के बाद पहली बार बुधवार को इस दुर्गम गांव में एमएसआरटीसी की बस पहुंची। पिछले साल तक निवासियों को घने जंगलों से होते हुए कोठी तक पहुंचने के लिए 5 से 6 घंटे पैदल चलना पड़ता था, जो बस सेवा वाला सबसे नज़दीकी गांव है। हालांकि पिछले साल मरकानार तक सड़क बन गई थी, लेकिन बस सेवा बुधवार को ही शुरू हुई। इस बस सेवा से छात्रों, मरीज़ों और किसानों सहित 1,200 से ज़्यादा लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
गढ़चिरौली पुलिस के अनुसार, मरकनार से अहेरी तक के नए बस मार्ग से आसपास के गांवों जैसे मुरुंभुशी, फुलनार, कोपरशी, पोयारकोठी और गुंडुरवाही को भी लाभ होगा, जहां लंबे समय से सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं थी। यह पहल गढ़चिरौली पुलिस और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है। मरकनार के ग्राम पाटिल झुरू मालू मट्टामी ने बस का उद्घाटन किया, जबकि सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट अविनाश चौधरी और कोठी थाने के पुलिस उप-निरीक्षक दिलीप गवली ने औपचारिक रूप से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पुलिस ने मिठाई बांटकर इस पल का जश्न मनाया।
6 किमी तक चलना पड़ता था पैदल
भामरागढ़ सब डिवीजन में छत्तीसगढ़ सीमा से मात्र 6 किमी दूर स्थित मरकनार उन कई गांवों में से एक है जो पुलिस संरक्षण में हाल ही में हुए विकास कार्यों से लाभान्वित हो रहे हैं। कोठी से मरकनार तक की सड़कें पिछले साल पूरी हो गई थीं, और मरकनार से मुरुंभुशी तक बन रही सड़क ने क्षेत्र के लंबे समय से अलग-थलग पड़े इलाकों को खोल दिया है। हाल ही में मरकनार में एक मोबाइल टावर भी लगाया गया है, जिससे गांव में संचार व्यवस्था में सुधार हुआ है।
इस साल 9 फरवरी को ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर माओवादियों को किसी भी तरह का समर्थन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद गढ़चिरौली पुलिस बल द्वारा नागरिक कार्रवाई कार्यक्रमों के तहत विकास कार्यों में तेजी लाई गई।
हाल के वर्षों में गढ़चिरौली पुलिस बल ने सुरक्षा खतरों के बावजूद 420 किलोमीटर से ज़्यादा सड़कों और 60 पुलों के निर्माण में मदद की है। इस साल की शुरुआत में, गट्टा-गरदेवड़ा-वांगेतुरी और कटेज़ारी से गढ़चिरौली तक भी इसी तरह की सेवाएं शुरू की गई थीं, जिनका उद्देश्य कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में जीवन को आसान बनाना था।
यह पहल गढ़चिरौली में पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप गवली, सीआरपीएफ कर्मियों और कोठी पुलिस के प्रयासों का परिणाम थी। इस पहल को गढ़चिरौली के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीलोत्पल, अतिरिक्त एसपी एम रमेश, सत्य साईं कार्तिक, गोकुल राज जी, और डीएसपी विशाल नागरगोजे, और एसडीपीओ भामरागढ़ अमर मोहिते शामिल थे, द्वारा मार्गदर्शन और समर्थन दिया गया।